प्रयागराज। लोकायुक्त संगठन ने प्रयागराज के तत्कालीन डीएम सुहास एल. वाई के खिलाफ शिकायत में राज्य सरकार से उच्चस्तरीय जांच कराने की सिफारिश की है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग तो नहीं किया। जांच में उनके दोषी पाए जाने पर नियमों के मुताबिक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
लोक आयुक्त ने वर्ष 2020 की रिपोर्ट में इसका उल्लेख करते हुए शासन से कहा है कि सुहास एलवाई जांच में दोषी पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करके तीन माह में लोक आयुक्त को इसकी जानकारी दी जाए। लोक आयुक्त ने कहा है कि नजूल भूखंड 32 सी, 139 व 139 बी को लेकर सुहास एलवाई के मनमाने निर्णयों से भुक्तभोगी श्री टंडन को मानसिक परेशानी हुई है और सुहास द्वारा शासन को पद का दुरुपयोग करके शासन को भेजी गई रिपोर्ट की भी जांच की जाए। लोक आयुक्त ने सिफारिश की है कि यदि उच्च स्तरीय जांच सुहास दोषी पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करके तीन माह में लोक आयुक्त को अवगत करवाया जाए।
2017 में प्रयागराज में डीएम के पद पर तैनात थे सुहास
बता दें कि मौजूदा समय में खेल सचिव के पद पर तैनात सुहास एलवाई 2017 में प्रयागराज में डीएम के पद पर तैनात थे। सुहास के विरुद्ध अभिषेक टंडन ने आरोप लगाए थे कि पूर्व जिलाधिकारी संजय कुमार की संस्तुति पर भी नजूल की भूमि को फ्री होल्ड करने को लेकर सुहास ने अपनी तैनाती के बाद विचार नहीं किया था।
कौन हैं आईएएस सुहास एलवाई?
सुहास एलवाई मूलरूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं। सिविल सेवा में उनका चयन 2007 में हुआ था। इंजीनियरिंग करने वाले सुहास को बचपन में क्रिकेट और बैडमिंटन खेलने का शौक था।
कॉलेज में पढ़ाई के दौरान बैडमिंटन को पूरी तरह से सुहास ने अपना लिया। इसके बाद वह लगातार अभ्यास करने के साथ प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे और जीतते भी रहे।
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