गाजियाबाद। जनपद खाकी को शर्मसार करने वाला एक और मामला सामने आया है। आरोप है कि मसूरी थाने में तैनात दरोगा ने धोखाधड़ी के मुकदमे में एफआईआर लगाने की एवज में आरोपी पक्ष से 4 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और धमकी दी। रिश्वत मांगने का ऑडियो अधिकारियों के पहुंचा तो आनन-फानन में दरोगा के खिलाफ उसी के थाने में भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर उसे निलंबित कर दिया गया।
हापुड़ के लकड़ी कारोबारी उम्मेद अली ने बीते जून महीने में मसूरी थानाक्षेत्र स्थित मीट फैक्टरी के संचालक मां-बेटे पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। उसका आरोप है कि फैक्टरी मालिक ने उनसे 59 लाख रुपये का माल लिया, लेकिन भुगतान नहीं किया। उन्होंने तगादा किया तो आरोपी मां-बेटे ने अंजाम भुगतने और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। उम्मेद अली की शिकायत पर मसूरी पुलिस ने फैक्टरी संचालक मां-बेटे के खिलाफ केस दर्ज किया था।
मामले की विवेचना उप निरीक्षक रणविजय प्रताप सिंह को सौंपी गई थी। केस में आरोपी बनाए फैक्टरी संचालक के प्रतिनिधि ने विवेचक रणविजय प्रताप सिंह से मुकदमे में एफआईआर लगाने को कहा। आरोप है कि विवेचक ने एफआईआर लगाने की एवज में रिश्वत मांगी। प्रतिनिधि ने बातचीत की रिकॉर्डिंग करके पुलिस अधिकारियों को भेज दी। ऑडियो में दरोगा रणविजय प्रताप केस खत्म करने के बदले 4 लाख रुपए की डिमांड कर रहे हैं।
DCP (ग्रामीण) विवेक चंद्र यादव ने बताया कि इस ऑडियो क्लिप की प्रारंभिक जांच की गई। जांच में दरोगा पर लगे घूस मांगने के आरोप सही पाए गए हैं। जिसके बाद थाना मसूरी पर दरोगा रणविजय प्रताप के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। साथ ही दरोगा को निलंबित करते हुए विभागीय जांच शुरू की गई है।
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