‘गठबंधन बना लीजिए, फिर भी मोदी पूर्ण बहुमत से पीएम बनेंगे’, दिल्ली सेवा बिल पर बोले अमित शाह

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दिल्ली। दिल्ली सेवा बिल को लेकर लोकसभा में चर्चा चल रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को इस पर विस्तार से बात रखी और आम आदमी पार्टी सरकार पर बिना नाम लिए हमला बोला। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन बना लीजिए, फिर भी नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत से प्रधानमंत्री बनेंगे।

अमित शाह ने सदन में कहा कि यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश को संदर्भित करता है, जो कहता है कि संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है। शाह ने कहा कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है। संसद को दिल्ली से संबंधित किसी भी तरह का कानून बनाने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि अदालत ने स्पष्ट तौर पर कहा कि संसद को अनुच्छेद 239A के तहत किसी भी मसले पर दिल्ली को लेकर कानून बनाने का अधिकार है। अमित शाह ने इस दौरान दिल्ली के गठन का इतिहास बताते हुए कहा कि इसे 1911 में अंग्रेजों ने महरौली और दिल्ली तहसीलों को मिलाकर गठित किया था। इसे पंजाब से अलग करके बनाया गया था। पट्टाभि सीतारमैय्या ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। लेकिन पंडित नेहरू, सरदार पटेल, राजेंद्र प्रसाद और आंबेडकर जी ने इसका विरोध किया था।

दिल्ली में पुलिस स्थानीय सरकार को नहीं दे सकते
अमित शाह ने कहा कि नेहरू ने अपने भाषण में कहा था कि सीतारमैय्या समिति की सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में तीन चौथाई संपत्ति केंद्र सरकार के अधीन है। ऐसे में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। आंबेडकर ने भी कहा था कि भारत की राजधानी में किसी भी स्थानीय प्रशासन को मुक्त अधिकार नहीं दिए जा सकते। गृह मंत्री ने कहा दिल्ली में विधानसभा की शुरुआत 1993 में की गई थी। तब से कांग्रेस और भाजपा दोनों की सरकारें रहीं और केंद्र में अलग सरकार थीं। फिर भी दोनों के बीच कोई विवाद नहीं हुआ। असल में विवाद तो 2015 से शुरू हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि विवाद अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकारों को लेकर नहीं है बल्कि विजिलेंस को हाथ में लेकर बंगले पर किए गए खर्च को छिपाने पर है।

लोकसभा में विपक्ष पर बरसते हुए अमित शाह ने कहा, “उनके (विपक्ष) गठबंधन बनाने के बाद भी, नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से पीएम बनेंगे। मैं विपक्षी सांसदों से अपील करता हूं कि वे दिल्ली के बारे में सोचें, अपने गठबंधन के बारे में नहीं…।”

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