नई दिल्ली। ससंद के जारी मानसून सत्र के बीच लोकसभा में गुरुवार को भी मणिपुर मुद्दे पर गतिरोध बरकरार रहा। प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर मुद्दे पर जल्द चर्चा कराने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। इन सबके बीच राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री का बचाव करने की जरूरत नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि मणिपुर मुद्दे पर बहस की विपक्ष की मांग पर सभापति प्रधानमंत्री का बचाव कर रहे हैं। जिसके जवाब में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मुझे पीएम का बचाव करने की जरूरत नहीं है। मुझे किसी का बचाव करने की जरूरत नहीं है। मुझे संविधान, आपके अधिकारों की रक्षा करने की जरूरत है। LoP की ओर से इस तरह की टिप्पणी अच्छी नहीं है। दरअसल, कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से संसद में बयान देने और इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही बार-बार बाधित हुई है।
जगदीप धनखड़ बोले प्रधानमंत्री को सदन में आने का निर्देश नहीं दे सकते
वहीं, सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को साफ कहा कि वह प्रधानमंत्री को सदन में आने का निर्देश नहीं दे सकते। संसद का मानसून सत्र के शुरू होने के बाद से ही विपक्षी सदस्य मणिपुर के मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहे हैं। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए सदन में उपस्थित रहने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे ऐसा करके पद की शपथ का उल्लंघन करेंगे।
कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच पिछले हफ्ते लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। इस पर अगले हफ्ते आठ अगस्त से सदन में चर्चा होगी और 10 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी इसका जवाब दे सकते हैं।