नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं अभी भी देखने को मिल रही है। बीते 3 मई से कहीं आग लगाई जा रही तो कहीं गोलियां बरसाई जा रही। इसको लेकर सड़क से संसद तक बवाल मचा है और विपक्ष भी सरकार के खिलाफ लामबंद है। इस बीच आज विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलांयस) के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर का दौरा करने निकला है। सांसद हिंसाग्रस्त क्षेत्रों और राहत शिविरों का दौरा कर जमीनी स्थिति का जायजा लेंगे।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने रवाना होने से पहले कहा की विपक्षी गठबंधन INDIA के सांसद आज मणिपुर का दौरा करेंगे। हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए नहीं बल्कि मणिपुर के लोगों के दर्द को समझने के लिए जा रहे हैं। हम सरकार से मणिपुर में उभरी संवेदनशील स्थिति का समाधान खोजने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है। हम मणिपुर में जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति का आकलन करने जा रहे हैं।
दो दिवसीय मणिपुर यात्रा पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि आने वाले हफ्ते में हम मणिपुर के लोगों की चिंताओं को संसद के सामने रखना चाहते हैं। जो लोग एक भारत की बात करते थे उन्होंने मणिपुर में दो पक्ष बना दिए हैं। जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि हम मणिपुर के लोगों से मिलेंगे। राज्य कई महीनों से जल रहा है और वहां शांति बहाल करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मणिपुर को छोड़कर सभी मुद्दों पर बोल रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल में होंगे ये लोग
विपक्षी दलों के नेताओं का यह दो दिवसीय दौरा होगा जो रविवार तक जारी रहेगा। विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई और फूलोदेवी नेताम, जेडीयू के राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह एव अनिल हेगड़े, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, डीएमके की कनिमोई, एनसीपी के पीपी मोहम्मद फैजल, आरएलडी के जयंत चौधरी, राजद के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी थिरुमावलवन शामिल हैं। साथ ही शिवसेना यूबीटी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी के प्रतिनिध भी इस दौरे पर जाएंगे।
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