नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इससे पहले 11 जुलाई को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाने का केंद्र का फैसला गैर-कानूनी है।
केंद्र सरकार का कहना है कि संजय मिश्रा कई अहम मामले देख रहे हैं। अभी उनकी जगह पर किसी दूसरे को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू भी नहीं की जा सकी है। सरकार का तर्क है कि ईडी निदेशक के पद पर विभागीय पदोन्नति नहीं होती है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के किसी योग्य अधिकारी को सीधे ईडी निदेशक के पद पर तैनात करना होगा है। लिहाजा उनको कुछ वक्त दिया जाए जिससे वो बेहतरीन अफसर का चयन कर सके।
SG मेहता ने बेंच से कहा, “संजय मिश्रा के केस में कुछ अर्जेंसी है। इस पर तुरंत सुनवाई करें।” इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि 11 जुलाई का फैसला तीन जजों की बेंच ने सुनाया था, जिसमें जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल भी शामिल थे। फिलहाल वे अलग-अलग कोर्ट रूम में बैठ रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल की अपील पर बेंच ने मामले को गुरुवार दोपहर 3.30 बजे सुनवाई के लिए लिस्ट किया है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल ईडी निदेशक संजय मिश्रा को 31 जुलाई तक काम करने की छूट दी है। ईडी डायरेक्टर को एक के बाद एक करके कई एक्सटेंशन देने का केंद्र का फैसला सुप्रीम कोर्ट को पहले भी रास नहीं आया है। एनजीओ कॉमन कॉज की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को साफ हिदायत दी थी कि वो संजय मिश्रा को एक्सटेंशन न दे। हालांकि उसके बाद भी सरकार ईडी निदेशक का कार्यकाल बढ़ाती रही।
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