नई दिल्ली। देश के सबसे चर्चित आपराधिक मामलों में से एक गीतिका शर्मा केस आत्महत्या मामले में आरोपित हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा और अरुणा चढ्डा को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया है।
दिल्ली के अशोक विहार में 23 साल की एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा अपने कमरे में मृत पाई गई थी। अपने सुसाइड नोट में उसने हरियाणा की कांग्रेस सरकार में पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल गोयल कांडा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अपने सुसाइड नोट में गीतिका ने लिखा कि ‘मैंने अपनी जिंदगी में गोपाल कांडा से बेशर्म इंसान नहीं देखा। वो हमेशा झूठ बोलता है।गीतिका शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि गोपाल कांडा एक फ्रॉड है और हमेशा लड़कियों के प्रति गलत नजर रखता है। उसकी आदत लड़कियों को प्रताड़ित करने की है। वो हमेशा लड़कियों की ताक में रहता है’। गोपाल कांड के अलावा अपने सुसाइड नोट में गीतिका ने कंपनी की मैनेजर अरुणा चड्ढा को भी जिम्मेदार ठहराया था। कांडा एक प्रभावशाली राजनेता और व्यवसायी थे, जो भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में कद्दावर मंत्री थे। आरोपों के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
गीतिका और कांडा के बीच कनेक्शन?
गीतिका शर्मा, गोपाल कांडा की एमएलडीआर एयरलाइंस की पूर्व एयर होस्टेस थी। जिन्हें बाद में उन्हें कंपनी के निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया था। बेहद कम समय में वो इस कंपनी में काफी तरक्की करने लगी। एक के बाद एक कई प्रमोशन गीतिका को मिलने लगे। यहां तक कि खुद गोपाल कांडा ने गीतिका का जन्मदिन भी धूमधाम से फार्म हाउस में मनाया। इसकी तस्वीरें भी सामने आई। ये सारे खुलासे बाद में बॉलीवुड एक्ट्रेस नुपुर मेहता ने किए। नुपुर मेहता भी उस वक्त वहीं नौकरी करती थी। कुछ समय तक तो सब कुछ ऐसे ही चलता रहा, लेकिन धीरे-धीरे गीतिका परेशान होने लगी। वो इस कंपनी को छोड़ने की प्लानिंग करने लगी। कुछ समय बाद गीतिका ने कांडा की एयरलाइंस कंपनी छोड़ भी दी और दूबई चली गई। हालांकि बाद में एक बार फिर गीतिका ने गोपाल कांडा की कंपनी को ज्वाइन किया, लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही गीतिका ने सुसाइड कर लिया।
गीतिका के सुसाइड के कुछ समय बाद उनकी मां ने भी कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में भी परिवारवालों ने कांडा पर आरोप लगाए। कांडा इस मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं, जिनमें 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (सबूत नष्ट करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 466 (जालसाजी) शामिल हैं। इससे पहले गोपाल कांडा के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में बलात्कार (376) और 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के आरोप भी तय थे, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने इन्हें रद्द कर दिया।
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