लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर मामले में दोषी करार अफ़ज़ाल अंसारी को राहत देते हुए कोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। हालांकि उनकी सजा पर कोई रोक नही लगाई है। जिससे उनकी संसद की सदस्यता बहाल नहीं होगी। गैंगस्टर कोर्ट से सजा मिले के बाद अफजाल अंसारी की सदस्यता समाप्त हो गई थी।
गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में अफजाल को दोषी ठहराया था। उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई। 29 अप्रैल को गाजीपुर की अदालत से गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा सुनाए जाने के कारण अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो गई थी। इसी सजा पर पूर्व सांसद ने रोक लगाने और जमानत पर जेल से रिहा करने की मांग की। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच का फैसला दोपहर करीब 2 बजे आया।
हाईकोर्ट की ओर से अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगाने की स्थिति में लोकसभा सदस्यता दोबारा बहाल होने की बात कही जा रही थी। लेकिन, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस केस में पूर्व सांसद को पूरी राहत नहीं दी। उनकी जमानत याचिका को मंजूर कर कोर्ट ने पूर्व सांसद को खुश होने का मौका दिया। लेकिन संसद की सदस्यता समाप्त होने वाले फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
मुख्तार के साथ दोषी साबित हुआ था अफजाल
अफजाल अंसारी को उसके भाई और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के साथ दोषी करार दिया गया था। गाजीपुर की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने 29 अप्रैल को दिए अपने निर्णय में 2007 के गैंगस्टर के एक मामले में सजा सुनाई थी। मुख्तार अंसारी को इस मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई। वहीं, कोर्ट ने अफजाल अंसारी को दोषी करार देते हुए चार साल की सजा का ऐलान किया। कोर्ट के इस निर्णय के बाद अफजाल अंसारी की सांसदी भी चली गई। अफजाल अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया। इन दिनों वह गाजीपुर जेल में बंद हैं। शुगर और हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी की बात कही जा रही है।
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