अयोध्या। यूपी के अयोध्या में राम पथ निर्माण के दौरान खजूर मस्जिद का मीनार तोड़े जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ मस्जिद के मौलाना ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है तो दूसरी तरफ AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या जिला प्रशासन पर गैर कानूनी तरह से इसे गिराए जाने की कोशिश का आरोप लगाया है हालाँकि ओवैसी के इस बयान को मस्जिद के मौलाना ने राजनीतिक करार दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि शहर के गुदड़ी बाजार में स्थित मस्जिद खजूर वाली की एक मिनार सड़क के प्रस्तावित चौड़ीकरण के रास्ते में आ रही है। इसका करीब 3 मीटर हिस्सा प्रस्तावित ‘रामपथ’ सड़क पर आ रहा है। ‘रामपथ’ लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर स्थित शहादतगंज एरिया को अयोध्या शहर के नयाघाट से जोड़ता है। उन्होंने बताया कि मस्जिद प्रशासन को मस्जिद को बरकरार रखने के लिए पहले एक बीम बना सकें और फिर मिनार हटाने के लिए समय दिया गया है। प्रशासन के इस आदेश के बाद मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। इस याचिका पर 3 मार्च को पहली सुनवाई हुई थी। तब कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड, अयोध्या DM और PWD से जवाब मांगने का एक आदेश पारित किया था। इसके बाद सुनवाई की अगली तारीख 21 अप्रैल तय की गई थी।
मस्जिद कमेटी की लीगल टीम के सदस्य एडवोकेट इंतजार हुसैन ने बताया कि सभी पक्षों की तरफ से जवाब कोर्ट में फाइल कर दिए गए हैं। हमने अपनी याचिका में कोर्ट से कहा कि मस्जिद एक ऐतिहासिक संरचना है और शिया समुदाय के लिए एक सिंबल है। हमने कोर्ट से प्रशासन को इसे न गिराने के आदेश देने के लिए निवेदन किया है। हम सुनवाई के लिए कोर्ट से जल्दी ही एक तारीख मांगेंगे। मस्जिद कमेटी के अधिकारियों के अनुसार, यह स्ट्रक्चर नवाब मेंहदी हसन खान द्वारा 1750 में बनाया गया था।
ओवैसी ने ट्वीट किया
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, अयोध्या में रामपथ के चौड़ीकरण के दौरान खजूर की मस्जिद का मामला सामने आया है. मस्जिद के मीनार (दाहिना) को गिराने की गैर-करनूनी कोशिश की जा रही है और मस्जिद के जिम्मेदार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मीनार को इस तरह दबाव बनाकर तोड़ने की कोशिश करना निंदनीय है। इतना ही नहीं ओवैसी ने लिखा कि सीएम योगी को चाहिए कि वह कानून का पालन करें। साथ ही शिया समुदाय की इस ऐतिहासिक मस्जिद का सम्मान करें।
ओवैसी से कोई संबंध नहीं
ओवैसी के इस बयान को मस्जिद के मौलाना ने राजनीतिक करार दिया है। उनके मुताबिक, इस मामले का हल जिला प्रशासन के साथ बैठकर तय कर लिया जाएगा हालांकि इस मामले में कोर्ट में भी याचिका डाली गई है लेकिन ओवैसी से इसका कोई संबंध नहीं है।
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