गाजियाबाद। जनपद में बारिश के बाद आई फ्लू यानी कंजक्टिवाइटिस का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में इसके मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर पर बच्चों में ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं।
अस्पतालों में 100 में से 10 मरीजों की आंखों में यह समस्या मिल रही है। एमएमजी अस्पताल की ओपीडी की बात करें तो प्रतिदिन नेत्र रोग की ओपीडी में 250 से अधिक मरीज पहुंच रहे। इसी तरह संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल में भी प्रतिदिन 150 मरीज आई प्लू से ग्रस्त पहुंच रहे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है और लोगों को संक्रमित व्यक्तियों से दूरी रखने की सलाह दी गई है। संयुक्त अस्पताल की नेत्र रोग सर्जन डॉ. शुचिता ने बताया कि ज्यादातर मरीजों में खांसी, जुकाम और बुखार के बाद कंजक्टिवाइटिस की समस्या आ रही। बारिश और उमस भरी गर्मी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
आई फ्लू क्या है?
आई फ्लू को कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई भी कहा जाता है। यह आंखों के सफेद हिस्से में होने वाले संक्रमण है। बरसात के मौसम में यह बहुत आम है। इसके अधिकतर मामले सर्दी-खांसी वाले वायरस की वजह से बढ़ते हैं। कुछ मामलों में विशेषकर बच्चों में जीवाणु संक्रमण भी इसकी वजह हो सकती है।
आई फ्लू के लक्षण
आई फ्लू के लक्षण
डॉक्टर ने बताया कि आई फ्लू बहुत ज्यादा गंभीर नहीं होता है और आंख को कोई स्थायी नुकसान पहुंचाए बिना एक या दो सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है। हालांकि आपको इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके लक्षणों में शामिल हैं-
आंखों का लाल होना
- आंखों में सफेद रंग का कीचड़ आना
- आंखों से पानी बहना
- आंखों में सूजन
- आंखों में खुजली और दर्द होना
आई फ्लू होने पर क्या करें
यह संक्रमण एक आंख से शुरू होता है और जल्दी ही दूसरी आंख में भी फैल जाता है। कोई भी लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर आपको नीचे बताई सलाह दे सकता है-
- मोक्सीफ्लोक्सासिन आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें
- आंखों को गुनगुने पानी से क्लीन करें
- आंखों को साफ करने के लिए साफ और सूती कपड़े का इस्तेमाल करें
- लक्षण गंभीर होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं
आई फ्लू को फैलने से रोकने के लिए क्या करें
यह एक संक्रामक रोग है इसका मतलब यह है कि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल सकता है इसलिए इसे रोकने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है, उदहारण के लिए-
- पीड़ित व्यक्ति काला चश्मा पहनकर रखे
- टीवी या मोबाइल देखने से बचें
- आंखों को बार-बार छूने से बचें
- आंखों को साफ करने के लिए गंदे कपड़े का इस्तेमाल न करें
- आंखों को छूने के बाद साबुन से हाथ धोना न भूलें
- किसी से भी आई टू आई कांटेक्ट न बनाएं
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