चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में नमामि गंगे परियोजना के पास एसटीपी प्लांट में बुधवार को करंट फैल गया। करंट की चपेट में आने से 16 लोगों की मौत हो गयी। आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं, सीएम ने कहा कि हादसे के लिए दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर काम चल रहा है। बुधवार को जिस समय हादसा हुआ, उस वक्त साइट पर 24 लोग मौजूद थे, झुलसे से करीब 16 लोगों की मौत हुई है। चमोली के ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता अमित सक्सेना ने बताया कि बीती रात को बिजली का तीसरा फेस डाउन हो गया था। बुधवार को सुबह तीसरे फेज को जोड़ा गया, जिसके बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में करंट दौड़ गया। ट्रांसफार्मर से लेकर मीटर तक कहीं एलटी और एसटी के तार नहीं टूटे हैं, मीटर के बाद तारों में करंट दौड़ा है।
जांच करने गए चौकी प्रभारी की भी मौत
एडीजीपी वी मुरुगासन ने बताया कि हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 पहुंच गई है। इसमें एक पुलिस सब इंस्पेक्टर पीपलकोटी चौकी प्रभारी प्रदीप रावत और पांच होमगार्ड भी शामिल हैं। पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। प्रथम दृष्टया पता चला है कि रेलिंग में करंट आ गया था। इसकी वजह से हादसा हुआ है। आगे जांच चल रही है। चमोली आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि अब तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं सात लोग झुलसे हैं। हादसे में मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली घटना में मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपए और घायलों को एक-एक लाख रुपए की राहत राशि देने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चमोली घटना के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
सीएम धामी ने कहा कि झुलसे लोगों को देहरादून लाया गया है। उनके इलाज में कोई कमी नहीं होगी। उनके लिए हेलिकॉप्टर भेजा था। गंभीर रूप से झुलसे जल संस्थान के जेई संदीप मेहरा और सुशील कुमार समेत छह लोगों को हेलिकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश व अन्य अस्पतालों में भेजा गया है।