लखनऊ। बसपा लोकसभा चुनाव 2024 अकेले दम पर लड़ेगी। बसपा सुप्रीमो मायावती इसका ऐलान कर विपक्षी गठबंधनों को बड़ा झटका दिया है। दोनों गठबंधन पर निशाना साधते हुए मायावती ने ऐलान किया कि बसपा 2024 में किसी के साथ गठबंधन नहीं करने जा रही है।
मायावती ने बुधवार को मीडिया को संबोधित किया और कहा कि विपक्षी दल सत्ता पाने के लिए गठबंधन कर रहे हैं। कांग्रेस पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने जैसी जातिवादी और पुंजीवादी ताकतों के साथ गठबंधन कर रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता से बाहर होने पर ही कांग्रेस को दलितों, पिछड़ों और गरीबों की याद आती है। जब सत्ता में होते हैं तो न तो भाजपा व न ही कांग्रेस को किसी की परवाह रहती है। भाजपा ने 2014 में हर गरीब के खाते में 15-15 लाख रुपये डालने का वादा किया था जो कि पूरा नहीं किया। मायावती ने बताया कि आगामी चुनाव में बसपा अपने सहयोगी गठबंधन को मजबूत करेगी। उन्होंने विपक्षी गठबंधन को एक मजबूर गठबंधन बताया है।
क्षेत्रीय दलों से गठबंधन कर सकती है BSP
हालांकि इस दौरान उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी बीएसपी पंजाब और हरियाणा में क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर सकती है लेकिन उनके साथ गठबंधन में आने वाले दलों का NDA या कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन से कोई वास्ता नहीं होना चाहिए।
मायावती ने कहा कि दोनों की सोच गरीब और वंचितों के लिए एक जैसी रही है। जमीनी हकीकत में उन्होंने कभी कोई ठोस काम नहीं किया। बसपा अकेले ही दलित और वंचितों के लिए काम कर रही है। मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अगाह करते हुए कहा कि विपक्षियों के हाथकंडे से सचेत रहें।
UCC से जुड़े नियमों पर करें विचार
इससे पहले मायावती ने समान नागरिक संहिता को लेकर भी अपना रुख स्प्षट किया था। बसपा प्रमुख ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता के विरोध में नहीं है मगर संविधान इसे थोपने का समर्थन नहीं करता है। मायावती ने आगे कहा था कि बीजेपी को यूसीसी से जुड़े सभी आयामों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा था कि हमारी पार्टी यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है। यूसीसी लागू करने के बीजेपी मॉडल पर हमारी असहमति है।
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