नई दिल्ली। भारत का चंद्रयान अपनी मंजिल चांद की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसरो ने उसकी लाइव लोकेशन शेयर की है। इसरो ने शुक्रवार को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से अपने चंद्रयान-3 को चांद के लिए रवाना किया था। अभी तक चंद्रयान बिल्कुल सामान्य रूप से आगे बढ़ रहा है।
इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 अब 41762 km x 173 km की कक्षा में है। इसरो वैज्ञानिक इसकी कक्षा से संबंधित डेटा का एनालिसिस कर रहे हैं। चंद्रयान-3 की पहली ऑर्बिट मैन्यूवरिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। यानी उसकी पहली कक्षा बदल दी गई है। ISRO ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से बताया है कि चंद्रयान-3 की स्थिति सामान्य है। वहीं 5-6 अगस्त को चंद्रयान-3 लूनर ऑर्बिट इंसर्शन स्टेज में होगा, तब चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन सिस्टम को ऑन किया जाएगा। उसे आगे की ओर धकेला जाएगा। यानी चंद्रमा की 100 किलोमीटर की ऊपरी कक्षा में भेजा जाएगा। 17 अगस्त को प्रोपल्शन सिस्टम चंद्रयान-3 के लैंडर-रोवर से अलग हो जाएगा।
इस बीच विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के डायरेक्टर एस उन्नीकृष्णन नायर ने कहा कि शुक्रवार को लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 मिशन 40 दिन के महत्वपूर्ण चरण से गुजरेगा और फिर चंद्रमा की सतह पर ‘लैंडिंग’ के लिए इसमें लगे ‘थ्रस्टर्स’ की मदद से इसे पृथ्वी से दूर ले जाया जाएगा। नायर ने कहा कि चंद्रयान ने अब तक बहुत शानदार प्रदर्शन किया है। ये अब तक स्पेस यान के शुरुआती सभी मानकों पर खरा उतरा है।
चंद्रयान के थ्रस्टर्स को किया गया फायर
इसरो ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए ‘चंद्रयान-3’ को लॉन्च किया था। शुक्रवार दोपहर 2.35 बजे उड़ान भरने के 17 मिनट बाद सैटेलाइट ने ऑर्बिट में एंट्री कर ली थी। नायर ने कहा, ‘आज से चंद्रयान में लगे थ्रस्टर्स को ‘फायर’ किया जाएगा और 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘लैंडिंग’ के लिए चंद्रयान-3 को पृथ्वी से दूर ले जाया जाएगा। नायर ने कहा कि चूंकि प्रयोग का पहला चरण सौ प्रतिशत सफल रहा है और अंतरिक्ष यान भी बहुत अच्छी स्थिति में है तथा यह अपनी प्रणोदन प्रणाली और उपकरणों का उपयोग करके चंद्रमा पर जाने में सक्षम होगा।