नई दिल्ली। आज भारत के लिए बहुत बड़ा दिन है क्योंकि इसरो आज चंद्रयान-3 लॉन्च करने जा रहा है। चंद्रयान-3 शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। अगर आज इसरो ये मिशन पूरा करने में सफल रहा तो ऐसा करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले ये करिश्मा अमेरिका, रूस और चीन ही कर पाए हैं। पीएम मोदी ने इसरो को शुभकामनाएं दी हैं।
पीएम ने ट्वीट कर लिखा कि चंद्रयान-3 मिशन दुनिया भर के 200 से अधिक वैज्ञानिक प्रकाशनों में प्रकाशित हुआ। मैं आप सभी से इस मिशन और अंतरिक्ष, विज्ञान और नवाचार में हमने जो प्रगति की है, उसके बारे में और अधिक जानने का आग्रह करता हूं। इससे आप सभी को बहुत गर्व महसूस होगा। पीएम ने आगे कहा कि चंद्रयान 2 के प्रमुख वैज्ञानिक परिणामों में चंद्र सोडियम के लिए पहला वैश्विक मानचित्र, क्रेटर आकार वितरण पर ज्ञान बढ़ाना, आईआईआरएस उपकरण के साथ चंद्र सतह के पानी की बर्फ का स्पष्ट पता लगाना और बहुत कुछ शामिल है। पीएम ने कहा कि चंद्रयान-1 से पहले तक, चंद्रमा को एक सूखा, भूवैज्ञानिक रूप से निष्क्रिय और निर्जन खगोलीय पिंड माना जाता था। अब, इसे पानी और उप-सतह बर्फ की उपस्थिति के साथ एक गतिशील और भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय निकाय के रूप में देखा जाता है। हो सकता है कि भविष्य में इस पर संभावित रूप से निवास किया जा सके।
चंद्रयान-3 मिशन है क्या?
इसरो के अधिकारियों के अनुसार चंद्रयान-3 मिशन, चंद्रयान-2 का ही अगला चरण है। चंद्रयान-3 मिशन का मुख्य लक्ष्य इसे चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड करवाना है। यह आकार में चंद्रयान-2 की तरह ही दिखेगा, जिसमें एक लैंडर और एक रोवर होगा। हालांकि इस बार पिछली गलती से सीखते हुए मिशन की सफलता के लिए नए उपकरण बनाए गए हैं। एल्गोरिदम को बेहतर किया गया है। चंद्रयान-2 मिशन में जो गलती हुई थी उसे दुरुस्त किया गया है।
कौन हैं ‘चंद्रयान-3’ के सूत्रधार
पी वीरमुथुवेल वह शख्स हैं जिनके ऊपर चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3) की पूरी जिम्मेदारी है। चंद्रयान-3 मिशन के पीछे पूरा माइंड पी वीरमुथुवेल का ही है। पी वीरमुथुवेल वर्तमान में चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक का पद संभाल रहे हैं।
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