दिल्ली। दिल्ली दंगा से जुड़े पांच मामलों में आम आदमी पार्टी के (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दिल्ली हाईकोर्ट ने आज बुधवार को बड़ी राहत दी है। न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने ताहिर हुसैन को जमानत देने का फैसला सुनाया है। हालांकि, यूएपीए समेत अन्य मामले में हुई प्राथमिकी के कारण ताहिर हुसैन न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे।
जस्टिस अनीश दयाल ने 2020 और 2021 में दायर हुसैन की याचिका पर 10 अप्रैल को अपना आदेश सुरक्षित रखने के बाद आज आदेश पारित किया। जस्टिस दयाल ने बुधवार को मामलों में हुसैन की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा, ‘सभी 5 एफआईआर में शर्तों के अधीन जमानत दी जाती है।’ ये मामले हुसैन के घर की छत से दंगाईयों द्वारा पथराव, पेट्रोल बम फेंकने और गोलियां चलाने के कारण दो लोगों के घायल होने और हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन के कथित अपराधों से भी संबंधित हैं।
हुसैन के वकील रिजवान ने दलील दी थी कि मामले के सभी सह-आरोपियों को जमानत दे दी गई है और उनके मुवक्किल एकमात्र व्यक्ति हैं जो पिछले तीन साल से जेल में है। वहीं वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने दलील दी थी कि शुरुआती गवाहों के बयानों में हुसैन का नाम नहीं था और उनके लिए कोई विशिष्ट कृत्य जिम्मेदार नहीं है।
दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश रचने का आरोप
ताहिर हुसैन के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने का भी मामला चल रहा है। ताहिर पर कार्यकर्ता शरजील इमाम और उमर खालिद के साथ दंगों की बड़ी साजिश रचने का भी आरोप है। संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों तथा इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को सांप्रदायिक झड़पें हुई थी। इनमें कम से कम 53 लोग मारे गए थे और करीब 700 लोग घायल हुए थे।
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