छतरपुर। देश भर में कम उम्र के लोगों के साथ हो रहीं हृदयाघात की घटनाओं ने लोगों को भयभीत कर दिया है। एक ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर शहर में सामने आया। यहां 17 साल का बच्चा सुबह स्कूल की प्रार्थना में खड़ा था तभी अचानक जमीन पर गिर गया। स्कूल के लोगों ने उसे सीपीआर देने की कोशिश की लेकिन इसके पहले ही उसकी जान चली गई।
शहर के टिकरिया मोहल्ले में रहने वाले आलोक टिकरिया का 17 वर्षीय सुपुत्र सार्थक महर्षि विद्या मंदिर की कक्षा 10वीं में का छात्र था। हमेशा की तरह सार्थक सोमवार की सुबह 6 बजे जागा और तैयार होकर स्कूल चला गया। लगभग साढ़े 7 बजे से 8 बजे के बीच स्कूल में सभी बच्चे पढ़ाई के पूर्व प्रार्थना की पंक्ति में खड़े थे तभी अचानक सार्थक जमीन पर गिर गया। बच्चे कुछ समझ पाते इसके पहले ही सार्थक बेहोश हो गया। स्कूल के स्टाफ ने बच्चे की छाती पर सीपीआर देने की कोशिश की और परिवार को सूचित किया। परिवार के लोग मौके पर पहुंचे, बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल लाया गया लेकिन इसके पहले ही उसकी जान चली गई।
जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. अरविंद सिंह ने मौत की पुष्टि करते हुए परिवार को बताया कि बच्चे को कार्डियक अरेस्ट हुआ है। आमतौर पर ऐसी घटनाएं सामने नहीं आती हैं। यह दुर्लभ कार्डियक अरेस्ट का मामला है। कई बार जैनेटिक कारणों से अथवा हृदय के रक्त प्रवाह मार्ग पर कैमिकल का संतुलन बिगडऩे के कारण ऐसी घटनाएं सामने आती हैं। इन मामलों में हृदय की गति अचानक बढ़ जाती है जिससे हृदय काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है। ऐसी घटनाओं में बचाव के लिए सिर्फ 10 मिनिट का समय मिलता है। यदि इस दौरान मरीज की छाती पर तेजी से सीपीआर (दबाव) किया जाए तो कुछ और समय मरीज को मिल जाता है। हालांकि ज्यादातर मामलों में मरीज की जान बचाना बेहद कठिन होता है।
नेत्रदान का फैसला
10 वीं में पढ़ रहे सार्थक की असमय हार्ट अटैक से मौत के बाद परिवार के लोग सदमे में हैं। सार्थक के पिता ने नेत्रदान कराने के लिए सद्गुरु नेत्र हॉस्पिटल को सूचित किया और सोमवार दोपहर 3 बजे अस्पताल के डॉक्टरों ने सर्जरी करके आंख निकाल ली है। परिजनों का कहना है कि उसके बेटे कि आंखों से किसी नेत्रहीन को नई जिंदगी मिल जाएगी। घटना के बाद शहर के स्कूलों और परिजनों में डर का माहौल है।
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