लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के 30 फीसद सांसदों का टिकट कट सकता है। इसको लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मोदी सरकार 2.0 के नौ वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर चलाए जा रहे महाजनसंपर्क अभियान और पार्टी की ओर से कराए जा रहे सर्वे में सांसदों की जमीनी हकीकत सामने आने लगी है।
भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। मैनपुरी और रायबरेली सीट पर भाजपा ने कभी चुनाव नहीं जीता है। आगामी लोकसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर भी कमल खिलाने का लक्ष्य रखा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक देश में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनाने के लिए यूपी में 2019 से बड़ी जीत आवश्यक है। लिहाजा पार्टी के लिए एक-एक सीट पर चुनाव महत्वपूर्ण है। पार्टी लोकसभा चुनाव में प्रत्येक सीट पर सोच समझकर प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव के लिए सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे में मौजूदा सांसदों की जनता में पकड़ के साथ छवि का आकलन भी किया जा रहा है। साथ ही संभावित नए प्रत्याशियों की भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
पार्टी की ओर से चलाए जा रहे महाजनसंपर्क अभियान में भी पार्टी के सांसदों की जनता में पकड़ और क्षेत्र में सक्रियता सामने आ रही है। करीब एक दर्जन से अधिक लोकसभा क्षेत्रों में अभियान के तहत हुई रैलियों में दो-पांच हजार लोग भी नहीं जुटे हैं। पार्टी के पदाधिकारी ने बताया कि प्रदेश में करीब 30 फीसदी तक प्रत्याशी बदले जाएंगे। इनमें मौजूदा सांसदों से लेकर हारी हुई सीटों के प्रत्याशी भी शामिल हैं।
दर्जन भर से अधिक जिलों में फीका रहा अभियान
यूपी के करीब दर्जन भर जिलों में महाजनसंपर्क अभियान के फीका रहने का मामला सामने आया है। दरअसल, यूपी के कई सांसद पिछले दिनों बगावती मोड में दिखे हैं। कुछ सांसद तो पिछले कुछ समय से खुलकर अपनी पार्टी के खिलाफ बोलते रहे हैं। वहीं, कुछ सांसदों के संबंधी भाजपा छोड़ दूसरी पार्टी का रुख कर चुके हैं। उनके भी चुनाव के समय में पाला बदलने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे नेताओं की ओर से महाजनसंपर्क अभियान में दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। सांसद के गायब रहने से कार्यकर्ताओं को भी एकजुट करना संभव नहीं हो सका।
बता दें 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन ने सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ा था। भाजपा ने 78 सीटों पर चुनाव लड़कर 62 सीटें जीती थी, जबकि अपना दल ने दो सीटों पर चुनाव जीता था। कांग्रेस को एक, बसपा को दस और सपा के पांच सीटों पर जीत मिली थी। गत वर्ष हुए लोकसभा उप चुनाव में भाजपा ने रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा में जीत दर्ज की है। प्रदेश में वर्तमान में भाजपा गठबंधन के पास 66 सीटें हैं।
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