हेग। नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने शुक्रवार को कई दिनों की तकरार और सत्तारूढ़ गठबंधन में बिखराव के बाद अपने पद से इस्तीफे का एलान किया। मार्क रुटे के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नीदरलैंड आम चुनावों की तरफ जाने के लिए तैयार है।
पीएम ने राजधानी हेग में कहा, ‘आव्रजन की नीति पर गठबंधन सहयोगियों के बीच मतभेद कोई छिपी हुई बात नहीं है। आज दुर्भाग्य से हम इसी नतीजे पर पहुंचे कि ये मतभेद परस्पर विरोधी हैं। इसलिए मैंने तुरंत महाराजा को पत्र लिखकर पूरी कैबिनेट के इस्तीफे की पेशकश की।’ विपक्षी दलों के सांसदों ने भी बिना समय गंवाए नए चुनावों की मांग की। यहां तक कि विपक्षी दलों ने रट के औपचारिक इस्तीफे का इंतजार भी नहीं किया। आव्रजन विरोधी ‘पार्टी फॉर फ्रीडम’ के नेता गीर्ट विल्डर्स ने ट्वीट किया, ‘जल्द चुनाव हों।’
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रुटे की वीवीडी पार्टी पिछले साल शरणार्थी शिविरों को लेकर हुए विवाद के बाद शरण चाहने वालों के प्रवाह को सीमित करने की कोशिश कर रही थी। बता दें, नीदरलैंड में शरण चाहने वालों के आवेदन पिछले साल एक तिहाई से अधिक बढ़कर 47,000 से अधिक हो गए। इस साल की शुरुआत में सरकार ने कहा था कि 2023 में शरण चाहने वालों के लगभग 70,000 आवेदन आ सकते हैं।
प्रधानमंत्री रुटे की सरकार ने इस सप्ताह एक योजना को लागू करने की कोशिश की, जिसमें नीदरलैंड में युद्ध शरणार्थियों के रिश्तेदारों की संख्या को प्रति माह केवल 200 लोगों तक सीमित करने का प्रावधान शामिल था। लेकिन गठबंधन सरकार में शामिल सहयोगी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया। रुटे ने अपने मंत्रिमंडल के इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि यह निर्णय हमारे लिए बहुत कठिन था। उन्होंने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के बीच विचारों में मतभेद को खत्म नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों ने समाधान खोजने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन दुर्भाग्य से प्रवासन नीति पर मतभेदों को दूर करना असंभव है।