गाजियाबाद। ओडिशा से गांजा लेकर आए दो तस्करों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए शातिर तस्करों ने 2.20 क्विंटल गांजा ट्रक में रखे नमक के कट्टों के बीच छिपा रखा था। पुलिस ने बरामद गांजे की कीमत 1.10 करोड़ होने का दावा किया है।
एडीसीपी अपराध सच्चिदानंद ने बताया कि पकड़े गए तस्कर हाथरस के सासनी के गांव विधेपुर निवासी विपिन पंडित और गुरुग्राम की धारा कॉलोनी निवासी प्रदीप हैं। विपिन गिरोह का सरगना है। दोनों को साहिबाबाद में बृहस्पतिवार की रात 11 बजे पकड़ा गया। ट्रक को विपिन चला रहा था। प्रदीप ने पुलिस को यह कहकर गुमराह करने का प्रयास किया कि वह नमक का कारोबारी है। क्राइम ब्रांच की टीम से उसने कहा कि कोई भी कट्टा खोलकर देख लो, नमक ही मिलेगा। टीम ने कट्टे नीचे उतरवाकर ट्रक खाली करा लिया। बस फिर क्या था, अंदर पन्नी का ढेर दिखा। पन्नी हटाई तो गांजा मिल गया।
पूछताछ में विपिन ने बताया, ‘मैं पहले ट्रक पर ड्राइवरी करता था। उसमें कुछ ज्यादा फायदा नहीं होता था। फिर मैं अलीगढ़ क्षेत्र में गांजा बेचने वाले कुछ लोगों के संपर्क में आया और धीरे-धीरे उड़ीसा से गांजा लाकर सप्लाई करने लगा।’ उसने बताया कि पुष्पा मूवी देखने के बाद उसने पुलिस से बचने के लिए तरह-तरह के प्रयोग शुरु किए। वह कभी सब्जी, कभी नमक और कभी कबाड़ के बीच छिपाकर गांजा लाता है। इस बार 25 हजार रुपये का नमक खरीदा था। आरोपी विपिन पूर्व में आगरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद से जेल जा चुका है लेकिन हर बार जमानत पर छूटते ही फिर से गांजा तस्करी का धंधा शुरू कर देता है।
विपिन ने बताया कि वह पहले ट्रांसपोर्टर था। उसके दो ट्रक थे। तस्कर उसके ट्रकों में गांजा तस्करी करते थे। उसे पता चला कि इसमें मोटी कमाई है। लालच में वह भी गांजा ओडिशा से लाकर सप्लाई करने लगा। उसके ट्रक पकड़े जा चुके हैं। इसलिए, अब किराए पर ट्रक लेकर गांजा लाता है। दूसरे आरोपी प्रदीप ने बताया, ‘मैं पहले राजमिस्त्री का काम करता था। पूरे दिन मेहनत करने के बावजूद 300-400 रुपए मिल पाते थे। फिर मैं विपिन और चौटाला नामक व्यक्ति के संपर्क में आया और गांजा तस्करी शुरू कर दी।’
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