अहमदाबाद। मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि केस में निचली अदालत से सजा के बाद हुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट से भी तगड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। कांग्रेस ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान कर दिया है।
जस्टिस हेमन्त प्रच्छक ने कहा, ‘राहुल के खिलाफ कम से कम 10 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। इस केस के अलावा उनके खिलाफ कुछ और केस फाइल किए गए हैं। एक तो वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है। किसी भी हाल में सजा पर रोक नहीं लगाना अन्याय नहीं है। इस केस में सजा न्यायोचित और उचित है। राहुल गांधी ऐसे आधार पर सजा पर रोक की मांग कर रहे हैं, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। सूरत कोर्ट के फैसले में दखल की आवश्यकता नहीं है। याचिका खारिज की जाती है।’
गौरतलब है कि 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, इस फैसले के 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके अगले दिन 24 मार्च को दोपहर 2:30 बजे उनकी सांसदी चली गई थी। राहुल ने सूरत कोर्ट में फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने उस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। इसके बाद राहुल गांधी ने 25 अप्रैल को गुजरात हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाई थी।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक लिली थॉमस और लोक प्रहरी केस में फैसला दिया था कि अगर किसी सांसद, विधायक या एमएलसी को किसी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी। इतना ही नहीं, सजा की अवधि पूरी होने के 6 साल बाद तक संबंधित नेता चुनाव भी नहीं लड़ पाएगा।
मोदी सरनेम मामला क्या है
राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इसके बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था।