इजरायल में पैसे कमाने के जुर्म में पाकिस्तान में 5 लोग गिरफ्तार

पाकिस्तान पीएम शहबाज़ शरीफ़

कराची। पाकिस्तान के अधिकारियों ने पासपोर्ट और आव्रजन अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में 5 नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपी इजराइल के तेल अवीव शहर में चार से सात साल तक काम किए हैं। जबकि पाकिस्तान इजराइल को एक देश के रूप में मान्यता नहीं देता है। इसलिए इनकी गिरफ्तारी की गई है।

वरिष्ठ निरीक्षक मुमताज तालपुर ने कहा, “ये आठ लोग अलग-अलग समय पर अवैध रूप से तेल अवीव गए और वहां चार से सात साल तक काम किया। वे वेस्टर्न यूनियन के माध्यम से अपने परिवारों को पैसे भी भेजते रहे। मामला एक व्यक्ति के रिश्तेदारों से मिली सूचना के माध्यम से सामने आया।” उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए पांच लोगों ने सात साल तक तेल अवीव में काम किया और वापस लौट आए, जबकि तीन अन्य तुर्किये, केन्या, श्रीलंका और यूनान के रास्ते अलग-अलग समय पर इजराइल गए थे। उन्होंने कहा कि वे सभी एक इजराइली एजेंट के माध्यम से तेल अवीव पहुंचे थे। पाकिस्तानी नागरिकों ने सहायक, सफाईकर्मी और गैस स्टेशनों पर काम किया। तालपुर ने कहा, “गिरफ्तार किए गए पांच लोग यूनान और दुबई के रास्ते पाकिस्तान लौटे थे।”

दरअसल पाकिस्तान के नागरिकों के इजरायल जाने पर रोक है। पाकिस्तान के पासपोर्ट में भी इसका जिक्र रहता है कि वह इजरायल को छोड़कर दुनिया के किसी भी देश में जा सकते हैं। पाकिस्तान और इजरायल के बीच कभी राजनयिक संबंध नहीं रहे हैं। पाकिस्तान तो इजरायल को मान्यता देने से भी इनकार करता है। पाकिस्तान की तरह ही कई और मुस्लिम बहुल देश हैं, जो इजरायल को मान्यता नहीं देते। हालांकि बीते कुछ सालों में हालात बदले हैं। यूएई, बहरीन और सऊदी अरब जैसे देशों ने इजरायल से संबंध बहाल किए हैं।

पाकिस्तान और इजरायल के विदेश मंत्रियों की 2005 में एक गुपचुप मीटिंग भी हुई थी। हालांकि पाकिस्तान में इजरायल एक संवेदनशील मसला है। इसके खिलाफ वहां कट्टरपंथियों ने मोर्चा खोल दिया था। पाकिस्तान का मानना है कि इजरायल का निर्माण अवैध तौर पर ही हुआ है और वह पूरा हिस्सा फलीस्तीन का है, जहां इजरायल बसा है। पाकिस्तान के पासपोर्ट में भी स्पष्ट किया गया है कि उसने नागरिक दुनिया के किसी भी देश की यात्रा कर सकते हैं, लेकिन इजरायल नहीं जा सकते।

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