प्रयागराज। गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि वह वर्तमान मामले में व्यक्तिगत मुद्दों पर नहीं बल्कि व्यवस्थागत समस्याओं पर गौर करेगा। फिलहाल कोर्ट ने अतीक-अशरफ मर्डर केस की सुनवाई 14 जुलाई के लिए टाल दी गई है।
अतीक अहमद से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाएं न्यायमूर्ति एस. आर. भट्ट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आईं हैं। आयशा नूरी ने हत्याकांड पर सवाल उठाएं हैं। उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है। जिसमें मांग किया गया है कि इस केस की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी से कराई जाए। इस याचिका में अतीक के तीसरे नंबर के बेटे असद के एनकाउंटर की भी जांच की मांग की गई है। आयशा नूरी ने अपने दोनों भाइयों और भतीजे की हत्या के लिए यूपी और केंद्र सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। उसका आरोप है कि सरकार के इशारे पर ये हत्याएं हुई हैं। इस मामले में पुलिस अधिकारियों को यूपी सरकार का पूरा सहयोग मिला है। उसने भाइयों की हत्या के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है। साथ ही एसटीएफ के मुखिया अमिताभ यश को भी पक्षकार बनाया है।
विशाल तिवारी और अमिताभ ठाकुर ने भी दायर की है याचिका
इस चर्चित हत्याकांड की निष्पक्ष जांच कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विशाल तिवारी ने याचिका दायर की है। जिसमें इस केस की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज की अध्यक्षता में इस केस की सुनवाई की जानी चाहिए। इसके लिए स्वतंत्र समिति गठित की जाए। इसके अलावा पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी लेटर पिटीशन दाखिल की है। अमिताभ ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने लेटर पिटीशन में कहा है कि ‘भले ही अतीक अहमद और उसका भाई अपराधी हों, मगर जिस तरह से उनकी हत्या हुई, उससे इस घटना के राज्य पोषित होने की पर्याप्त संभावना दिखती है।’ याचिका में योगी सरकार में अभी तक कुल 183 एनकाउंटर पर भी सवाल उठाए गए हैं, जिसे यूपी पुलिस ने खुद स्वीकार किया है।
15 अप्रैल की रात हुई थी अतीक की हत्या
बता दें कि यूपी के प्रयागराज में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात तीन शूटर्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपियों की पहचान अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी के रूप में हुई थी। तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे थे। इसके बाद जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करना शुरू की, तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगी थीं।
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