गुरुग्राम। साइबर सिटी में महिला अपराध को देखते हुए पीड़िता की सुविधा के लिए पुलिस कमिश्नर कला रामचंद्रन ने एक पहल की है। इसके तहत पीड़ित महिला सुविधा के अनुसार किसी भी थाने में अपना मामला दर्ज सकती है और जांच के लिए महिला थाने में उसे ट्रांसफर करा सकती है। थाना प्रभारी की ओर से मामला दर्ज करने के साथ ही उसके बयान को संबंधित थाना पुलिस को भेजना होगा।
कला रामचन्द्रन के आदेश के अनुसार संबंधित थाना प्रभारी को पीड़ित महिला का बयान कलमबद्ध करने के बाद उसे महिला द्वारा बताए हुए थाने में ट्रांसफर करना होगा। महिलाओं द्वारा शिकायत करने के बाद संबंधित थाने से उन्हें घटनास्थल वाले थाना पुलिस के पास भेज दिया गया। थाना पुलिस कई बार उन्हें एक थाने से दूसरे थाने टरकाती रहती थी। इससे मामला दर्ज होने में देरी होती थी। इसका संज्ञान लेते हुए गुरुग्राम पुलिस आयुक्त ने एसओपी जारी की।
इसमें कहा गया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की कोई भी शिकायत किसी भी पुलिस स्टेशन में दी जा सकती है और पीड़ित महिला पंजीकरण के समय इसे संबंधित महिला पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने के लिए स्वतंत्र है। संबंधित एसएचओ मामले को संबंधित महिला पुलिस थाने में स्थानांतरित करने के लिए बाध्य होंगे। इसे कलमबद्ध करना होगा। यह शिकायत या एफआईआर दर्ज करने के दौरान पुलिस प्रक्रिया में होता है। पुलिस आयुक्त के आदेश के बाद डीसीपी ट्रैफिक व डीसीपी सीएडब्ल्यू वीरेंद्र विज ने सभी थाना प्रभारियों को लिखित निर्देश जारी किए हैं।
महिला अपराध दर्ज न करने वालों पर गिरेगी गाज
महिला अपराध की सूचना के बाद पुलिस कर्मियों की सांस फूलने लगती थी। जिसके चलते पीड़िता को सफर करना पड़ता था। पुलिस आयुक्त के इस आदेश के बाद अब पीड़िता को न्याय जल्दी मिलने की उम्मीद है। साथ ही महिला अपराध दर्ज करने में देरी के विवाद से निजात मिलेगी।