सहारनपुर। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर पर हमला करने के मामले में पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद बड़ा खुलासा किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हमलावर चंद्रशेखर आजाद के कई बयानों से उन्हें नाराजगी थी और वो दिनदहाड़े मर्डर करना चाहते थे।
डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया इस मामले में पुलिस टीम ने दिल्ली, एनसीआर, उत्तराखंड, मेरठ, मुजफ्फरनगर और हरियाणा छापेमारी की। कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। इस बीच, पुलिस को सूचना मिली कि ये लोग अंबाला में सरेंडर करने वाले हैं। इस पर तत्काल एक टीम का गठन कर उसे अंबाला के लिए रवाना किया गया। शनिवार सुबह शहजादपुर क्षेत्र में अग्रवाल ढाबा के पास से पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन्हें सहारनपुर लाया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से चंद्रशेखर ने दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में उल्टे सीधे बयान दिए थे। जिससे हम काफी नाराज थे। हम लोग 28 जून की सुबह करनाल से मेरठ लौट रहे थे। रास्ते में रोहाना कला टोल के पास खाना खाने के लिए एक ढाबे पर रुके। उस समय यहां पर काफी भीड़ थी। लोगों से पूछा तो पता चला कि चंद्रशेखर अपने समर्थकों के साथ देवबंद किसी कार्यक्रम में जा रहे हैं। इसके बाद हमनें वहीं तय कर लिया कि आज चंद्रशेखर की हत्या कर देंगे। खाना खाकर हम भी देवबंद पहुंच गए। इसके बाद उनके कार्यक्रम की रेकी की। उस समय हमारे पास दो तमंचे थे। गाड़ी करनाल के रहने वाले विकास की थी और वही गाड़ी चला रहा था। उसके बगल में लविश बैठा था। लविश के पीछे वाली सीट पर विकास उर्फ विक्की और उसके बगल में प्रशांत बैठा था।
स्पीड़ ब्रेकर पर की फायरिंग
हम गाड़ी में बैठकर चंद्रशेखर के निकलने का इंतजार कर रहे थे। वह जैसे ही गाड़ी में बैठकर निकला हम भी उसकी गाड़ी का पीछा करने लगे। कुछ दूर जाकर स्पीड़ ब्रेकर पर गाड़ी धीरे हुई। हमारी गाड़ी ने उसकी गाड़ी को ओवरटेक किया और उस पर हमने तीन राउंड फायरिंग की। दो राउंड पीछे बैठे हुए विक्की और एक राउंड प्रशांत ने गोली चलाई। ऐसा करते ही हम वहां से भाग निकले। कुछ दूर जाते ही गाड़ी में तेल खत्म होने के कारण हमने वह गाड़ी मिरगपुर में छोड़ दी और हम यहां से दूर जाकर जंगलों में छुप गए। जंगल में छुपते-छुपते हम किसी तरह दो दिन में अंबाला पहुंचे।
4 आरोपियों में से देवबंद के रणखंडी के रहने वाले लविश, विक्की उर्फ विकास और प्रशांत का अपराधिक इतिहास है। इन तीनों पर लूट और जानलेवा हमले के कई मामले चल रहे हैं। आरोपी लविश का चाचा देवबंद जेल में बंद है। लविश देवबंद के जेलर पर जानलेवा हमले के आरोप में जेल भी जा चुका है और 15 दिन पहले ही जेल से छूट कर आया है। चौथा आरोपी विकास उर्फ विक्की करनाल का रहने वाला है और टैक्सी चलाता है। हमले में इस्तेमाल की गई स्विफ्ट डिजायर कार आरोपी विकास की है।
वहीं पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी और असंतोष जताते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि वह सहारनपुर पुलिस के खुलासे से संतुष्ट नहीं है। पुलिस ने जल्दबाजी में खुलासा किया है। सही कारणों तक नहीं पहुंच पाई। सहारनपुर पुलिस ने जिन बच्चों को सही से खाना खाना नहीं आता है, उन्हें अपराधी बनाकर खड़ा कर दिया।
भीम आर्मी चीफ पर हुआ था जानलेवा हमला
बता दें कि 28 जून को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के ऊपर देवबंद में जानलेवा हमला किया गया था। चंद्रशेखर वहां एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। फायरिंग में उनकी फॉर्च्यूनर गाड़ी के शीशे टूट गए थे जबकि एक गोली चंद्रशेखर की पीठ को छूकर निकल गई थी। देवबंद में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सहारनपुर के ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।