नई दिल्ली। समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर केंद्र सरकार बड़ा दांव चलने जा रही है। मोदी सरकार यूसीसी को लेकर संसद के मानसून सत्र में बिल ला सकती है। आज तक न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि संसद के मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता बिल लाने की तैयारी कर ली गई है।
समान नागरिक संहिता को लेकर 3 जुलाई को दोपहर 3 बजे संसदीय समिति की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में सांसदों की राय जानी जाएगी। इस बैठक में लॉ कमीशन के अलावा कानूनी जानकार भी मौजूद रहेंगे। इससे पहले लॉ कमीशन की ओर से यूसीसी को लेकर लोगों की राय जानने के लिए भी बैठक हुई थी। इसमें भी यह अधिकारी मौजूद रहे थे।
क्या है समान नागरिक संहिता
समान नागरिक संहिता में सभी धर्मों के लिए एक कानून की व्यवस्था होगी। अभी हर धर्म का पर्सनल लॉ है, जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियो के लिए अपने-अपने कानून हैं। UCC के लागू होने से सभी धर्मों में रहने वालों लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे। UCC का अर्थ शादी, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति का अधिकार से जुड़े कानूनों को सुव्यवस्थित करना होगा।
पीएम मोदी ने क्या दिया था बयान?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के मुसलमानों को यह समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उनको भड़का रहे हैं। आजकल UCC के नाम पर भड़का रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पायेगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? ये लोग हम पर आरोप लगाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ये अगर मुसलमानों के सही हितैषी होते तो मुसलमान पीछे नहीं रहते। सुप्रीम कोर्ट बार-बार कह रहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लाओ लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग ऐसा नहीं करना चाहते।
Discussion about this post