मुंबई। दक्षिण मुंबई की एक आवासीय कॉलोनी में जानवरों की अवैध रूप से कुर्बानी को लेकर मचे बवाल के बीच बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बिना इजाजत सोसाइटी में जानवर की कुर्बीनी देना गलत है।
मुंबई के मीरा रोड स्थित जेपी इंफ्रा की एस्टेला बिल्डिंग में मोहसिन खान नाम का शख्स बीते मंगलवार को दो बकरे लेकर आ गया था। मोहसिन का कहना है कि इस सोसायटी में 200 से 250 मुस्लिम परिवार रहते हैं। हर साल बिल्डर हमें बकरा रखने के लिए जगह देता था, लेकिन इस बार बिल्डर का कहना था कि जगह नहीं है। इससे बाद विवाद शुरू हुआ था। सोसाइटी के लोगों ने परिसर में बकरों की कुर्बानी पर आपत्ति जताई तो वह अपने लोगों को बुला लाया।
इसके बाद हिंदू संगठन के लोग भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने वहां जय श्री राम के नारे लगाए और हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। हालांकि पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद मोहसिन मान गया और बुधवार को बकरे लेकर चला गया। मुंबई की एक अन्य सोसाइटी नाथानी बिल्डिंग में कुर्बानी के लिए 60 बकरे लाए गए थे। जैन समुदाय के लोगों ने इस कुर्बानी पर रोक लगाने के लिए यह याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने दिया अहम आदेश
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि किसी भी हाउसिंग सोसाइटी में जानवरों की कुर्बानी गलत है। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस और बीएमसी को निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर कहीं ऐसा किया जा रहा है तो प्रशासन इसमें हस्तक्षेप करे और संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे। जस्टिस जीएस कुलर्कणी और जितेंद्र जैन की पीठ ने कहा, बीएमसी या नगर निगम ने जिन जगहों पर जानवरों की कुर्बानी के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया है, तो वह सुनिश्चित करें वहां पर कुर्बानी नहीं दी जानी चाहिए।
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