दिल्ली। दिल्ली का 63 साल पुराना ‘मिनी चिड़ियाघर’ डियर पार्क अब बंद होने जा रहा है। इसके बाद अब यहां मौजूद हिरणों को राजस्थान और दिल्ली के जंगलों में छोड़ने का फैसला किया गया है। बताया जा रहा है कि भारत सरकार ने यह फैसला पार्क में जानवरों की बढ़ती संख्या और कर्मचारियों की कमी के चलते लिया है।
सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी ने ए. एन. झा डियर पार्क की ‘मिनी ज़ू’ के तौर पर मान्यता रद्द कर दी है। अब इनमें मौजूद करीब 600 हिरणों को राजस्थान और दिल्ली के जंगलों में छोड़ा जाएगा। हालांकि, इस पार्क को संरक्षित वन के रूप में रखा जाएगा, यह जिम्मेदारी दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी की होगी। जानकारी के मुताबिक, डियर पार्क को बंद करने के फैसले के पीछे की एक अहम वजह हिरणों की बढ़ती आबादी है क्योंकि यहां पर उनका प्राकृतिक रूप से शिकार करने वाला कोई जानवर नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, 1960 में इस पार्क की शुरुआत हुई तब यहां पर कुछ हिरणों को लाया गया था। तब से इनकी आबादी में लगातार इजाफा हुआ है, लेकिन डीडीए के कर्मचारी इतनी बड़ी संख्या में हिरणों को संभालने के लिए ट्रेन नहीं हैं। ऑर्डर के मुताबिक, सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी के मेंबर सेक्रेटरी डॉ. संजय कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में 30 जनवरी, 2023 को प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करने के लिए एक बैठक आयोजित की गई थी। इसमें यह सुझाव दिया गया था कि मिनी ज़ू में 600 जानवरों को रखा गया है। ऐसे में मान्यता रद्द होने पर जानवरों को 70 प्रतिशत के अनुपात में राजस्थान और दिल्ली के जंगलों में छोड़ा जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, 2022 में पहले यह प्रस्ताव रखा गया था कि सभी हिरणों को राजस्थान के जंगलों में स्थानांतरित किया जाए, लेकिन बाद में सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी के अधिकारियों ने बैठक में यह फैसला लिया कि इनमें से कुछ हिरणों को दिल्ली की असोला भट्टी वन्यजीव अभ्यारण्य में ले जाया जाएगा।
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