‘किसी को सत्ता से बेदखल करने के लिए जुनूनी हो गए लोग’, बीआरएस नेता ने विपक्षी एकता की खोली पोल

नई दिल्ली। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने विपक्षी एकता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और तेलंगाना सरकार के मंत्री केटी रामाराव ने परोक्ष रूप से कहा है कि विपक्षी पार्टियां पद की लालसा में एकजुट हो रही हैं।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव के बेटे एवं राज्य के मंत्री केटी रामाराव ने कहा कि उनकी पार्टी देश के कल्याण से जुड़े मूल सिद्धांतों के मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेगी। वह केवल उन राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन करेगी, जिनका एजेंडा लोगों के हित के लिए काम करना हो। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई देश के सामने प्रमुख मुद्दों पर होनी चाहिए। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है, ऐसा लगता है कि हम किसी को हटाने या किसी को वहां बैठाने को लेकर जुनूनी और चिंतित हैं। एजेंडा यह नहीं होना चाहिए। एजेंडा यह होना चाहिए कि देश की बुनियादी प्राथमिकताओं को कैसे पूरा किया जाए।

अपने दम पर 2024 का आम चुनाव लड़ेगी बीआरएस
वर्ष 2024 के आम चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को आयोजित 17 विपक्षी दलों की बैठक पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि आपको किसी के खिलाफ एकजुट नहीं होना चाहिए। आपको किसी चीज के लिए एकजुट होना चाहिए। वह क्या है, कोई भी समझ नहीं पा रहा है। बीआरएस विपक्षी दलों की इस बैठक में शामिल नहीं हुआ था। केटी रामाराव ने संकेत दिया कि बीआरएस अपने दम पर वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार है और वह बड़ी संख्या में सीट जीतने का लक्ष्य रखते हुए एक प्रभावशाली शुरुआत करने की कोशिश करेगी।

विकास में बाधा डालने का विरोध
उन्होंने जोर देकर कहा कि बीआरएस भारत के विकास में बाधा डालने वाले दलों का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि वे दो प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस हैं. कांग्रेस ने 50 साल तक शासन किया, जबकि भाजपा ने 15 साल तक। अगर दोनों ने ठीक से काम किया होता तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। राव ने दावा किया कि देश के पिछड़ने और पिछले 75 वर्षों में उतनी प्रगति ना होने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि नया राज्य होने के बावजूद तेलंगाना ने बहुत कम समय में काफी प्रगति की है।

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