नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद पहलवान पिछले 5 महीने से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हुए थे। अब इस मामले एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। पहलवानों ने धरना समाप्त करते हुए कहा है कि वे अब सिंह के खिलाफ सड़कों पर नहीं, बल्कि कोर्ट में लड़ेंगे।
पहलवान साक्षी मालिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने ट्वीट कर लिखा कि सरकार के साथ 7 जून को बातचीत हुई। सरकार ने पहलवानों के साथ किए वादे पर अमल करते हुए महिला कुश्ती खिलाड़ियों की और से महिला उत्पीड़न और यौन शोषण के संबंध में की गई शिकायतों पर FIR दर्ज की। दिल्ली पुलिस ने जांच पूरी करके 15 जून को कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। इस केस में पहलवानों की कानूनी लड़ाई सड़क की जगह कोर्ट में जारी रहेगी। उन्होंने आगे लिखा कि कुश्ती संघ के सुधार के संबंध में नई कुश्ती संघ के चुनाव की प्रक्रिया वादे के अनुसार शुरू हो गई है। चुनाव 11 जुलाई को होना तय है। सरकार ने जो वादे किए हैं, उस पर अमल होने का इंतजार रहेगा। इसके साथ ही साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने कुछ दिन के लिए सोशल मीडिया से ब्रेक ले लिया है, जिसकी भी जानकारी उन्होंने सांझा की है।
योगेश्वर दत्त बनाम आंनदोलनकारी पहलवान
इससे पहले शनिवार को सोशल मीडिया पर एक लाइव आकर विनेश, साक्षी और बजरंग की तिकड़ी ने एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट देने के आईओए तदर्थ पैनल के फैसले पर सवाल उठाने के लिए पूर्व पहलवान और अब भाजपा नेता योगेश्वर दत्त पर निशाना साधा था। करीब 40 मिनट के उस लाइव में पहलवानों ने इस बात पर जोर दिया था कि बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी और वे पूर्व डब्ल्यूएफआई चीफ के खिलाफ दायर आरोपपत्र का मूल्यांकन करने के बाद विचार करेंगे कि इस लड़ाई को कैसे जारी रखा जाए।
38 दिनों तक जंतर-मंतर पर बैठे
बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाकर पहलवान 38 दिनों तक जंतर-मंतर पर बैठे रहे। उन्हें किसान नेताओं, खाप पंचायतों और कई अन्य संगठनों से भारी समर्थन मिला, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें 28 मई को कानून और व्यवस्था का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में ले लिया। वृजभूषण के खिलाफ पहलवान पहली बार 18 जनवरी को जंतर-मंतर आए थे। सरकार से आश्वासन मिलने के बाद तीन में धरना खत्म कर दिया था।
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