छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के लवकुशनगर की एसडीएम (डिप्टी कलेक्टर) निशा बांगरे ने अप्रत्याशित रूप से बड़ा कदम उठाते हुए नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया है। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को हाथ से लिखा इस्तीफा भेजा है। इसमें कहा गया है कि उन्हें स्वयं के परिवार में आयोजित गृहप्रवेश के कार्यक्रम व तथागत बुद्ध की अस्थियों के दर्शन की अनुमति न मिलने के कारण वे आहत हैं। इस कारण डिप्टी कलेक्टर पद छोड़ रही हैं।
निशा बांगरे मूल रूप से बालघाट जिले की रहने वाली हैं। निशा बांगरे ने अपना नया मकान बैतूल जिले के आमला के एयरोड्रम इलाके में बनवाया है। इसी मकान के गृहप्रवेश में शामिल होने के लिए उन्होंने अनुमति मांगी थी। इसके साथ ही बौद्ध धर्म की अनुयायी निशा बांगरे ने 25 जून को बैतूल के आमला में अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन और विश्व शांति पुरस्कार पुरस्कार समारोह में भाग लेने के लिए भी छुट्टी मांगी थी। कार्यक्रम में श्रीलंका के कानून मंत्री समेत करीब 11 देशों के सभी धर्मों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। तथागत बुद्ध की अस्थियां भी श्रीलंका से आएंगी। कार्यक्रम का आयोजन एक गैर सरकारी संगठन गगन मलिक फाउंडेशन कर रहा है।
उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मैं अपने मौलिक अधिकार धार्मिक आस्था एवं संवैधानिक मूल्यों से समझौता करके अपने डिप्टी कलेक्टर पद पर बने रहता उचित नहीं समझती हूं। इसलिए मैं अपने डिप्टी कलेक्टर पद से आज दिनांक 22 जून 2023 को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देती हूं। निशा बांगरे ने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रम में विश्व शांतिदूत तथागत बुध्द की अस्थियों के भी दर्शन लाभ की अनुमति नहीं दी गई, इससे उनकी धार्मिक भावनाओं को अपूर्णनीय क्षति पहुंची है।
ज्ञात हो कि पिछले काफी अरसे से निशा बांगरे अवकाश पर रहीं और उनके आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में आमला से चुनाव लड़ने की भी चर्चा है। एक बार तो वह स्वयं भी कह चुकी हैं कि जनता अगर ऐसा चाहती है, तो वे विचार करेंगी। बैतूल में डेप्युटी कलेक्टर रहते हुए वे आमला विधानसभा क्षेत्र में बहुत एक्टिव थीं। भोपाल ट्रांसफर होने के बाद भी उनका लगाव सबसे ज्यादा इसी क्षेत्र से रहा। हालांकि वो किस राजनीतिक पार्टी से जुड़ेंगी इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है।