दिल्ली। दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच चली आ रही खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। अब केजरीवाल सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विशेष सचिव विजिलेंस वाईवीवीजे राजशेखर और मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए थाने में शिकायती पत्र दिया है। मंत्री ने साजिश रचने का आरोप लगाते हुए राजशेखर और मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। भारद्वाज के आरोपों पर कुमार और राजशेखर की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आईपी एस्टेट थाने में बुधवार दिए 11 पेज के शिकायती पत्र में कहा है कि राजशेखर अपने ऊपर लग रहे आरोप से बचने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहे हैं। उन्होंने 31 मई को थाने में शिकायती पत्र दिया कि सचिवालय से फाइलें चारी हो गई हैं, जिस पर एक जून को रिपोर्ट दर्ज हो गई। मंत्री का आरोप है कि इस एफआईआर की आढ़ में खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने सचिवालय की कई अहम फाइलों को गायब कर दिया है। भारद्वाज का कहना है कि राजशेखर पर पहले से तमाम गंभीर आरोप हैं, जिनकी जांच जरूरी है।
76 फाइलें ही सौंपी
इन्हीं आरोपों के बीच उन्हें 13 मई को कार्यालय से जुड़ी सभी फाइलें विभाग के सचिव को देने को कहा गया, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने महत्वपूर्ण फाइलें नहीं दीं। कई बार अवगत कराने के बाद उन्होंने 76 फाइलें ही सौंपी। बाकी फाइलें नहीं दी गई। अब साजिश के तहत आईपी एस्टेट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिससे कि कोई उनकी भूमिका पर सवाल न उठाए।
ये भी आशंका जताई
मंत्री ने आशंका जताई कि विशेष सचिव एफआईआर की आढ़ में यह भी कह सकते हैं कि फाइलें उनके पास नहीं हैं। सभी फाइलों को 15-16 मई की रात सचिवालय से चोरी किया गया। राजशेखर पहले से सरकारी फाइलों को निजी हितों के लिए अपने पास रखने के आदी रहे हैं। पूर्व में एनडीएमसी में तैनाती के दौरान भी उन्होंने सरकारी कार्यालय की फाइलों को निजी उद्देश्य के लिए अपने पास रखा, जिसके सबूत हैं। सौरभ भारद्वाज ने उन सभी शिकायतों का भी उल्लेख किया है जो बीते कुछ महीनों में राजशेखर के खिलाफ की गई हैं।
इस महीने की शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने राजशेखर की शिकायत के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी कि उनके कार्यालय से “संवेदनशील फाइलें और दस्तावेज” हटा दिए गए हैं। राजशेखर के अनुसार, कथित घटना 15-16 मई की दरम्यान रात को हुई, जब सतर्कता मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उन्हें विशेष सचिव के पद से हटा दिया था। उन्होंने कहा कि उनके पास मौजूद फाइलें और रिकार्ड दूसरे अधिकारी को सौंपे जाने हैं।
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