नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास को ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड से नवाजा गया है। देश के केंद्रीय बैंक के गवर्नर को यह सम्मान लंदन सेंट्रल बैंकिंग की ओर से दिया गया है।
सेंट्रल बैंक ने शक्तिकांत दास को यह अवॉर्ड मुद्रास्फीति के प्रबंधन और कोविड महामारी और वैश्विक उथल-पुथल जैसे संकटों के दौरान भारत की बैंकिंग प्रणाली को कुशलता से संभालने के लिए दी है। सेंट्रल बैंक ने कहा कि आरबीआई गवर्नर महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, और उन्होंने दुनिया के अग्रणी भुगतान नवाचारों के सुचारू प्रबंधन को सुनिश्चित किया है और मुश्किल समय में भारत का नेतृत्व किया है।
शक्तिकांत दास ने रिजर्व बैंक का गवर्नर पद संभालने के बाद कई बड़े फैसले लिए हैं। हाल ही में उन्होंने दो हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का एक बड़ा फैसला लिया है। वहीं वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के बीच भी महंगाई से निपटने में उन्होंने बहुत सराहनीय भूमिका निभाई है। कोरोना संकट के दौरान भी अपने फैसलों से उन्होंने लोगों की वाहवाही लूटी थी। उस दौरान उन्होंने बैंको को कुछ महीनों के लिए ईएमआई में छूट देने के निर्देश दिए थे।
2018 में बने थे गवर्नर
शक्तिकांत दास ने 12 दिसंबर, 2018 को आरबीआई के गवर्नर के रूप में पदभार संभाला था। उनकी नियुक्ति के महीनों पहले, भारत की प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) तरलता की कमी की वजह से दिवालिया हो गई थी। एनबीएफसी के डूबने की वजह से कई मध्यम आकार के बैंकों के व्यापार मॉडल में भारी कमियों का भी खुलासा हुआ था जो एनबीएफसी पर बहुत अधिक निर्भर थे। बाद में, पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक जैसे कई अन्य बैंक भी बंद हो गए थे।
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