गाजियाबाद। ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिये धर्मांतरण करने वाले गैंग के मास्टरमाइंड शाहनवाज खान उर्फ बद्दो के दो मोबाइल में पुलिस को पाकिस्तान के 30 फोन नंबर और छह ई-मेल आईडी मिलीं। योगी सरकार धर्मांतरण के आरोपी के खिलाफ बड़ा ऐक्शन लेने की तैयारी में है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार बद्दो के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) लगाया जाएगा।
25 साल के बद्दो के मोबाइल फोन में पुलिस को पाकिस्तान के 30 नंबर मिले हैं। काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) से पता चला है कि इन नंबरों पर उसकी लगभग रोज ही बात होती थी।
उसके कंप्यूटर से पाकिस्तान से जुड़ी छह ई-मेल आईडी और एक संदिग्ध परिचय पत्र भी मिला है। हालांकि, इनसे जुड़े सवाल पूछे जाने पर शातिराना अंदाज में उसने रटा-रटाया यही जवाब दिया, मुझे कुछ पता नहीं…धर्मांतरण से मेरा कोई ताल्लुक नहीं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बद्दो के मोबाइल से मिली एक पाकिस्तानी ई-मेल में गुलाम कश्मीर के दसवीं के छात्र की मार्कशीट मिली, साथ ही लाहौर के ट्रैफिक पुलिसकर्मी का आईकार्ड मिला। पुलिस को अंदेशा है कि बद्दो ने यह सारे दस्तावेज फर्जी पाकिस्तानी पासपोर्ट बनवाने के लिए इकट्ठा किए हैं। 30 मई को कविनगर थाने में केस दर्ज होने के बाद और 12 जून को ठाणे के अलीबाग से गिरफ्तारी होने के बीच उसने अपने मोबाइल फोन और कंप्यूटर से लगभग सारा डाटा डिलीट कर दिया। हालांकि, साइबर सेल ने काफी डाटा रिकवर कर लिया। बाकी को रिकवर करने के लिए उसके मोबाइल और कंप्यूटर को फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) भेजा गया है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोनों मोबाइल और सीपीयू का डेटा रिकवर कराने के लिए उन्हें फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। फॉरेंसिक रिपोर्ट से साक्ष्य जुटाने के बाद बद्दो से पूछताछ की जाएगी। इसके लिए उसे पुलिस कस्टडी में रिमांड पर लिया जाएगा। डेटा डिलीट करने के चलते उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे में साक्ष्य मिटाने की धारा भी बढ़ाई जाएगी। पुलिस ने बताया कि रिकवर किए गए डाटा में से उसे व्हाट्स एप पर उसकी चैट दिखाई गई तो वह चुप्पी साध गया। उसे पाकिस्तान की ई-मेल आईडी और संदिग्ध पहचान पत्र दिखाया गया तो बोला, मैं ऑनलाइन गेम खेलता हूं। इसमें बेहतर प्रदर्शन के लिए कुछ टूल्स खरीदे। ई-मेल आईडी भी एक तरह का टूल्स हैं। इतना कहकर फिर से चुप्पी साध ली। पुलिस को बद्दो और उसके परिजनों के 10 बैंक खातों का पता चला है। सभी की डिटेल निकलवाई जा रही है।
बता दें कि गाजियाबाद के कविनगर थाने में किशोर का धर्म परिवर्तन कराने के मामले में उसके पिता ने 30 मई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि उनका बेटा जिम जाने के नाम पर दिन में पांच बार घर से जाता था। पीछा करने पर पता चला कि वह धार्मिक स्थल में नमाज पढ़ने जाता था। पिता का कहना था कि ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिये उनका बेटा मुंबई निवासी युवक बद्दो के संपर्क में आया और उसके बाद उसकी गतिविधियां बदलने लगीं। छात्र के मोबाइल से बद्दो समेत सात नंबरों की पहचान हुई थी, जिनसे लगातार आपत्तिजनक और उकसाने वाली सामग्री के साथ कुरान, हदीस व पैगंबर के बारे में जानकारी साझा की जा रही थी। पुलिस ने चार जून को संजयनगर सेक्टर-23 स्थित जामा मस्जिद की कमेटी के सदस्य अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को गिरफ्तार किया था। अब्दुल की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए वर्चुअल मतांतरण के खेल का पर्दाफाश किया था।
जानबूझकर गेम हरवा देता, फिर कहता-कुरान पढ़ो तो जीतोगे
जांच में खुलासा हुआ कि बद्दो धर्मांतरण गिरोह का मास्टरमाइंड है। वह किशोरों को ऑनलाइन गेम में पहले हरवा देता था। फिर कहता था कि कुरान की आयत पढ़कर खेलो, जीत जाओगे। इस तरह किशोराें को बहकाकर उनका धर्मांतरण करवा देता था।
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