अजमेर। राजस्थान में अजमेर में खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि लड़की चीज ही ऐसी है…बड़े से बड़ा फिसल जाता है। उनका यह बयान फिल्म ‘Ajmer- 92’ को लेकर है। यह फिल्म 1992 में अजमेर में लड़कियों के साथ हुए रेप और ब्लैकमेलिंग पर आधारित है।
सोशल मीडिया में सामने आए वीडियो में सरवर चिश्ती कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि आदमी पैसों और मूल्यों से करप्ट नहीं हो सकता। लेकिन, महिलाओं की वजह से हो जाता है। इस दौरान वह महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बातें भी कहते हैं। साथ ही कहते हैं कि महिलाओं की वजह से विश्वामित्र जैसे ऋषि भी भटक सकते हैं। आज जितने भी बाबा जेल में हैं, ये सिर्फ वो हैं, जो लड़कियों के मामले में फंसे हैं। यह एक ऐसा मामला है कि बड़े से बड़ा व्यक्ति फिसल जाता है।
उन्होंने कहा कि ‘पहले ‘कश्मीर फाइल्स’ फिर ‘केरला स्टोरी’ और अब ‘AJMER 92′, जहां-जहां चुनाव होते हैं, वहां ऐसी ही फिल्में आती हैं लेकिन कर्नाटक में जनता ने इसे ठुकरा दिया। फिल्म में सौ से ज्यादा लड़कियों के साथ रेप बताया जा रहा है, जबकि उस वक्त मात्र 12 लड़कियों ने शिकायत दर्ज कराई थी। अब यहां पर चुनाव होने वाले हैं तो यहां पर इस तरह की फिल्म आई है। दरगाह में ऐसी कोई घटना घटित नहीं हुई थी ये केवल बदनाम करने की कोशिश है।’
देश की महिला शक्ति का अपमान
वीडियो सामने आने के बाद अजमेर नगर निगम के उप महापौर नीरज जैन ने सरवर चिश्ती पर हमला बोला। उन्होंने कहा- चिश्ती का ये बयान महिलाओं के प्रति उनकी जाहिलाना और गंदी मानसिकता को बताता है। वे महिला को उपभोग कि वस्तु समझते हैं। यह सीधे-सीधे देश की महिला शक्ति का अपमान है । जैन ने कहा कि अजमेर ब्लैकमेल कांड के अपराधियों को पहले राजनीतिक रसूख के जरिए बचाने का षड्यंत्र किया गया और अब इसे धार्मिक भावनाओं से जुड़ा बता कर चिश्ती विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं। चिश्ती के बयान पर खादिम समुदाय और राजस्थान पुलिस से उन पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
14 जुलाई को रिलीज होगी फिल्म अजमेर 92
फिल्म ‘अजमेर 92’ 14 जुलाई को रिलीज होने जा रही है। यह फिल्म सेक्स स्कैंडल ब्लैकमेलिंग पर आधारित है। फिल्म निर्माताओं का दावा है कि ये फिल्म उन 250 लड़कियों की कहानी है, जिन्हें जाल में फंसाया गया और उनका रेप किया गया और फिर उन्हें सिलसिलेवार ब्लैकमेल किया गया। इस केस में सबसे पहले अजमेर के एक स्कूल की लड़की को फंसाकर उसके न्यूड फोटोज क्लिक गए थे और उसके बाद फोटो के आधार पर उसे और लड़कियों को इस खेल में शामिल करने के लिए ब्लैकमेल किया गया था और फिर एक चेन बनती गई, जिसमें कई लड़कियां शिकार बनीं।
सैकड़ों लड़कियों के साथ हुई थी हैवानियत
साल 1992, जगह- राजस्थान का अजमेर जिला… ये कहानी है- देश के सबसे बड़े स्कैंडल की। ये कहानी है सैकड़ों छात्राओं के साथ हुई हैवानियत की। एक ऐसी कहानी जिसके बारे में पढ़कर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अप्रैल महीने की एक सुबह अजमेर के एक मशहूर कॉलेज की लड़कियों की आपत्तिजनक फोटो अचानक सर्कुलेट होना शुरू हो जाते हैं। जिन लड़कियों की तस्वीरें सर्कुलेट हुई, वो अच्छे परिवारों से थी। पता चला कि इन लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया गया था। कुछ लड़कियों के साथ तो सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। छोटे-से शहर अजमेर में ये बात फैलने में ज्यादा देर नहीं लगी। हर एक शख्स की जुबां पर छात्राओं के साथ हुई दरिंदगी का किस्सा था।
अखबार के फ्रंट पेज पर छपी थी तस्वीरें
एक स्थानीय अखबार में पीड़ित छात्राओं की तस्वीरों को ब्लर कर फ्रंट पेज पर छापा। इसके बाद तो हड़कंप मच गया। अजमेर क्या, देशभर में इसकी चर्चा होने लगी। अखबार ने कुछ पीड़ितों के बयान भी छाप रखे थे। छात्राओं ने बयान में जो खुलासा किया, उसके बारे में जानकर हर कोई दंग रह गया था।
एक-एक कर कई लड़कियां हुईं शिकार
बयान में कहा गया कि शहर के रसूखदार परिवारों के कुछ लड़कों ने उनके साथ दुष्कर्म किया था। एक लड़की के साथ शुरू हुआ ये घिनौना सिलसिला 100 से ज्यादा लड़कियों तक पहुंच गया था। दरअसल, दुष्कर्म के दौरान छात्राओं के आपत्तिजनक फोटो खींच लिए जाते थे और फिर उन्हें शहर भर में सर्कुलेट करवाने की धमकी दी जाती थी। फोटो डिलीट करने का वादा कर पीड़ित छात्राओं से अपनी दूसरी सहेली को लाने को कहा जाता था। फिर उन्हें भी धमकी दी जाती थी। इस तरह 100 से ज्यादा छात्राएं उन दरिंदों के चंगुल में फंस गई।
आठ आरोपियों को उम्रकैद, आठ अब भी फरार
पुलिस की जांच से मामला अदालत तक पहुंचा। कई सुनवाई के बाद 18 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। आठ दरिंदों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। कुछ आरोपी तो आज भी फरार चल रहे हैं।
100 लड़कियों के साथ रेप और गैंगरेप की घिनौनी वारदात
अजमेर के ख्वाजा मुइनिद्दीन चिश्ती दरगाह से जुड़ा चिश्ती परिवार, स्कूल-कॉलेज जाने वाली करीब 100 लड़कियों के यौन शोषण की हैवानियत भरी घटना के केंद्र में था। लड़कियों के वीडियो और फोटो बनाए जाते थे और उन्हें अपनी सहेलियों को बुलाने को मजबूर किया जाता था। इस तरह एक के बाद एक करीब 100 लड़कियां इन वहशियों का शिकार हुईं। वह जमाना रील को साफ करके फोटो बनाने का था। जिस लैब में नग्न लड़कियों की रील धोकर तस्वीर निकाली जाती थी, उसका कारीगर भी गैंगरेप में शामिल हो गया। इस तरह, उनके पंजा में फंसी लड़कियों का महीनों गैंगरेप होता रहता था।
अजमेर दरगाह से जुड़े परिवार के लड़के मुख्य आरोपी
दरगाह से जुड़ा परिवार होने के कारण उनकी धार्मिक, सामाजिक रसूख था। वो काफी पैसे वाले थे और उनकी राजनीतिक ताकत भी थी। मुख्य आरोपियों में दो फारूक चिश्ती और नफीस यूथ कांग्रेस के प्रभावशाली नेता हुआ करते थे। उनके पास रॉयल एनफिल्ड बुलेट, येज्दी और जावा बाइक हुआ करती थीं। स्थानीय स्तर पर वो मशहूर हस्तियों जैसा रसूख रखते थे। अपनी खुली जीप, एंबेसडर और फिएट कार में टहलने निकलते। यह तब की बात है जब किसी के घर में गैस और फोन कनेक्शन होना रईसी का सबूत हुआ करते थे। चिश्ती परिवार के पास वो सब था। इन दरिंदों का शिकार हुईं कई लड़कियां अच्छे घरानों से आती थीं जिनके गार्जियन सरकारी नौकरी में थे। खबर सुर्खियों में आते ही कई परिवारों ने अजमेर छोड़ दिया।
आज भी दरगाह पर आदर पा रहे हैं दरिंदे
नफीस चिश्ती 2003 तक भागता रहा लेकिन दिल्ली पुलिस ने बुरके में भागने की कोशिश करते हुए उसे दबोच लिया। एक आरोपी इकबाल भट्ट 2005 में गिरफ्तार किया जा सका। सुहैल गनी चिस्ती ने 26 वर्ष बाद 15 फरवरी 2018 को अजमेर कोर्ट में सरेंडर किया। नफीस चिश्ती, इकबाल भट्ट, सलीम चिश्ती, सैयद जमीर हुसैन, नसीम उर्फ टार्जन और सुहैल गनी पर पॉक्सो कोर्ट में मुकदमा चल रहा है, लेकिन ये सभी जमानत पर जेल से बाहर हैं। आज नफीस और फारूक चिश्ती अजमेर में काफी शानो शौकत से रह रहे हैं। दोनों अक्सर दरगार शरीफ जाते हैं और लोग आज भी उनका हाथ चूमते हैं।
नफीस तो आदतन अपराधी है। 2003 में उसे 24 करोड़ रुपये के स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ अपहरण, यौन उत्पीड़न, अवैध हथियार रखने और जुआ में संलिप्त होने का आरोप है। जमानत पर छूटने के बाद फारूक की इज्जत में कोई कमी नहीं आई। न्यूज वेबसाइट द प्रिंट के मुताबिक, आज भी लोग उसे दरगाह शरीफ के खादिम परिवार के बड़े भाई की तरह सम्मान देते हैं। एक आरोपी अलमास महाराज अब तक फरार है। उसके अमेरिका चले जाने की आशंका जताई जा रही थी। सीबीआई ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
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