मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर सब ठीक नहीं दिखाई दे रहा है। इस बार वजह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे की ओर से की गयी इस्तीफे की पेशकश है। जिसके बाद भाजपा-शिवसेना गठबंधन के बीच खटास के भी दावे किए जा रहे हैं। श्रीकांत शिंदे ने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया है कि वे स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं।
श्रीकांत शिंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि डोंबिवली के कुछ नेता अपनी स्वार्थ की राजनीति के लिए भाजपा-शिंदे गुट (गठबंधन) के लिए बाधाएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। भाजपा-शिवसेना का वरिष्ठ नेतृत्व जो भी उम्मीदवार तय करेगा, मैं उसका समर्थन करूंगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य फिर से भाजपा-शिवसेना गठबंधन बनाना है और केंद्र में भाजपा के साथ सरकार बनाना है। हम इस दिशा में जो काम कर रहे हैं। श्रीकांत ने आगे कहा कि अगर कोई उसका विरोध करता है, अगर कोई नाराज है और गठबंधन में कोई गड़बड़ी होती है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं।
क्यों खफा दिखाई दे रहे हैं श्रीकांत शिंदे?
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि श्रीकांत शिंदे के खफा दिखाई देने के पीछे एक अहम कारण उस प्रस्ताव को बताया जा रहा है जिसमें भाजपा ने कल्याण लोकसभा क्षेत्र में एक बैठक कर शिवसेना का समर्थन नहीं करने की बात कही है। हालांकि श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि वह 2024 में एक बार फिर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं।
भाजपा नेताओं ने ऐसा फैसला क्यों लिया? जानकारी के मुताबिक मामला एक महिला के साथ छेड़छाड़ से जुड़ा है। इस मामले को लेकर बीजेपी के पदाधिकारी नंदू जोशी पर एफआईआर दर्ज की गई है जोशी और कई कार्यकर्ताओं का आरोप है कि डोंबिवली मानपाडा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने के पीछे शिवसेना का हाथ है। इसलिए उन्होने शिवसेना के बहिष्कार की बात कही है।
लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है भाजपा
महाराष्ट्र में भाजपा ने गुरुवार को राज्य की 48 लोकसभा और 288 विधानसभा सीटों के लिए ‘चुनाव प्रमुखों’ की घोषणा की है। राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव प्रमुख चुनाव तैयारी और प्रबंधन के लिए काम करेंगे। उन्होने कहा, “मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ गठबंधन में हम शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। हम 45 से ज्यादा लोकसभा और 200 से ज्यादा विधानसभा सीटें जीतेंगे। बावनकुले ने कहा कि शिवसेना द्वारा लड़ी गई सीटों पर भाजपा चुनाव प्रमुख शिवसेना उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे।
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