लखनऊ। यूपी की लखनऊ कोर्ट में शुक्रवार रात पुलिस ने गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड का सीन रिक्रिएट किया। यहां एक युवक को वकील बनाकर लाया गया। जीवा को जिस तरह वकील बनकर आए शूटर ने गोली मारी थी, ठीक वैसा ही सीन दोहराया गया। करीब दो घंटे तक कार्रवाई चली। फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य व सुराग जुटाए। इसकी रिपोर्ट अब पुलिस को सौंपेगी।
शाम करीब सात बजे पुलिस के अफसर व फोरेंसिक टीम एससीएसटी कोर्ट पहुंची, जहां पर संजीव उस दिन बैठा था और पुलिसकर्मी तैनात थे उसी तरह का सीन बनाया गया। संजीव बाथरूम जाता है। इसके बाद वह जब कोर्ट में घुसता है तो उस पर गोलियां दगनी शुरू हो जाती हैं। कोर्ट रूम के भीतर संजीव गिर जाता है, जहां पुलिसकर्मी घायल होकर गिरे थे वहीं पर उनको खड़ा किया गया। ये भी देखा गया कि किस तरफ से हमलावर फरार होने के लिए दौड़ा था और वकीलों ने दबोच लिया था। क्राइम सीन रिक्रिएशन की विस्तृत रिपोर्ट फोरेंसिक टीम तैयार करेगी, जिसको पुलिस अपनी विवेचना में शामिल करेगी। इससे छूटे हुए साक्ष्यों व सुराग तलाशने में आसानी होगी।
आज कस्टडी रिमांड के लिए अर्जी देगी पुलिस
आरोपी विजय यादव बृहस्पतिवार को जेल भेजा गया था। जेसीपी ने बताया कि शनिवार को कोर्ट में अर्जी देकर आरोपी को कस्टडी रिमांड मांगी जाएगी। क्योंकि, प्रकरण में आरोपी विस्तृत पूछताछ अभी नहीं हो सकी है। लिहाजा कस्टडी में लेकर पूछताछ जरूरी है।
काठमांडू के माफिया ने 20 लाख रुपए की दी थी सुपारी
इधर, हत्यारोपी विजय यादव ने पुलिस को बयान दिया है कि उसने काठमांडू (नेपाल) के माफिया अशरफ के कहने पर जीवा की हत्या की। विजय की इस कहानी में माफिया अतीक का नाम भी आया है। उसने अशरफ को माफिया अतीक का दोस्त बताया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती पूछताछ में हत्यारोपी विजय ने बताया कि जीवा की हत्या की डील नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुई थी। वहां उसकी मुलाकात अशरफ नाम के व्यक्ति से हुई। वह नेपाल का माफिया है। उसने ही जीवा की फोटो दिखाकर उसकी हत्या के लिए 20 लाख रुपए की सुपारी दी थी।
अशरफ ने जीवा की हत्या क्यों करवाई? उसकी क्या दुश्मनी थी? इस सवाल पर विजय ने पुलिस को बताया कि अशरफ का भाई अतीफ लखनऊ जेल में बंद है। वहां कुछ दिन पहले जीवा और अतीफ में विवाद हो गया था। जीवा ने उसकी दाढ़ी नोंच ली थी। कई बार बेइज्जत की। यह बात अशरफ को पता चली थी। इसके बाद उसने जीवा की हत्या का प्लान बनाया।
यह फोटो बुधवार शाम की है, जब जीवा की कोर्ट में गोली मारकर हत्या की गई थी। हत्या के बाद वकीलों और पुलिस में बहस हो गई थी।
विजय ने यह भी बताया कि लखनऊ पहुंचने पर पांच हजार रुपए और पिस्टल दी गई। बाकी, पैसा काम होने के बाद देने को कहा गया था। बड़ी रकम मिलने के लालच में ही उसने जीवा की हत्या की सुपारी ले ली थी। पुलिस को विजय यादव के इस बयान पर पूरा भरोसा नहीं हो रहा है। पुलिस को लग रहा है कि जांच भटकाने के लिए वह ऐसा कह रहा है। हालांकि, पुलिस ने अशरफ और उसके भाई की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी। अशरफ-अतीफ नाम के शख्स हैं या नहीं। अगर हैं तो क्या उनका जीवा से कोई कनेक्शन था। विजय कब नेपाल गया था। उसका अशरफ से क्या कनेक्शन है। पुलिस इन सवालों के जवाब तलाश कर रही है।
बता दें कि गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या की दी गई थी। मामले में लखनऊ की एक अदालत के मेन गेट पर तैनात छह पुलिसकर्मियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
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