नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पेंशन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अगर कोई भी पेंशनधारी व्यक्ति गायब हो जाता है और 7 साल तक नहीं मिलता है, तो 7 वर्ष तक फैमिली को कोई पेंशन नहीं मिलता है लेकिन सरकार ने इस नियम में बदलाव किया है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि 7 साल वाला नियम खत्म हो गया है। उन्होंने कहा, “पेंशन विभाग में पहले यह नियम था कि अगर कोई व्यक्ति लापता हो जाता है तो 7 साल तक फैमिली पेंशन नहीं मिलेगी। या तो आपको उसका शव वापस लाना होगा और यह साबित करना होगा कि वह मर गया है या 7 साल तक इंतजार करें। उस नियम को खत्म कर दिया है। हमने ईज ऑफ गवर्नेंस, ईज ऑफ लिविंग लाने की कोशिश की है।
क्या है कानून?
एक साल पहले तक सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला पेंशन सीसीएस पेंशन रूल्स 1972 के तहत कवर होते थे। अगर कर्मचारी कहीं लापता हो जाए तो इसी रूल के तहत उसके परिवार को लाभ दिया जाता था। लापता होने के मामलों में परिवार वालों को पारिवारिक पेंशन के लिए कम से कम सात साल का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन 28 अप्रैल 2022 को सरकार ने इस नियम में बदलाव कर दिया। नए नियम के अनुसार सरकारी कर्मचारी जो एनपीएस के तहत कवर हो, अगर लापता होता है तो उसके घरवालों को फैमिली पेंशन का लाभ तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।
परिवार को कैसे मिलती है राहत?
इस नियम के तहत एक प्रावधान यह भी किया गया है कि सरकार की ओर से मृत घोषित किए बिना या सात साल इंतजार किए बिना परिवार को फैमिली पेंशन मिलेगी, लेकिन इस दौरान एनपीएस अकाउंट और परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर को निलंबित रखा जाएगा। अब अगर लापता सरकारी कर्मचारी बाद में फिर से सामने आ जाता है और सर्विस जॉइन कर लेता है, तो परिवार को दी गई फैमिली पेंशन की राशि उसकी आगे की सैलरी से काट ली जाएगी। इसके साथ ही कर्मचारी का एनपीएस अकाउंट और परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर भी एक बार फिर सक्रिय कर दिया जाएगा।