नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मेन्टॉर सैम पित्रोदा ने राम मंदिर और भगवान हनुमान को लेकर विवादित बयान दिया है। अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान पित्रोदा ने कहा कि राम मंदिर और हनुमान युवाओं को नौकरी नहीं दे सकते। उनके इस बयान पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि यह हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने और मंदिरों को बदनाम करने वाली सोच है।
पित्रोदा ने कहा कि मोदी सरकार विकास एवं अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों को नजरंदाज करते हुए केवल धार्मिक मामलों को उठा रही है। उन्होंने कहा कि ‘हमें बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर परेशानी है लेकिन कोई भी इसके बारे में बात नहीं करना चाहता। हर कोई राम मंदिर और हनुमान के बारे में बात करता है। मैंने कहा है कि मंदिर युवाओं को नौकरी देने नहीं जा रहे।’ खास बात यह है कि पित्रोदा जब बोल रहे थे तो वहां पर राहुल गांधी भी मौजूद थे।
Sam Pitroda, an associate of Rajiv Gandhi, is as clueless as vicious. He can baby sit his colleague’s overgrown son but need not berate India, of which he has no clue…
For instance, retail inflation in India is down to 4.7% in April 2023, lowest in 18 months. Wholesale… pic.twitter.com/XhLzUpCOOQ
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 5, 2023
सैम पित्रोदा जितने शातिर हैं उतने ही अनजान भी
अमित मालवीय ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि राजीव गांधी के सहयोगी सैम पित्रोदा जितने शातिर हैं उतने ही अनजान भी हैं। भारत को नसीहत देने की जरूरत नहीं है। अप्रैल 2023 में भारत में खुदरा मुद्रास्फीति 4.7% पर आ गयी है, जो 18 महीनों में सबसे कम है। थोक मुद्रास्फीति भी ही लिहाज से बेहतर है। भाजपा नेता ने आगे अपने ट्वीट में लिखा कि भारत की मुद्रास्फीति अमेरिका की तुलना में बहुत कम है। पित्रोदा जिस देश में रहते हैं वहां की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की व्यवस्था उन्हें देखनी चाहिए। वहां की तुलना में भारत बेहतर स्थिति में है।
सैम हिंदुओं पर जहर उगलने का कर रहे हैं काम
अमित मालवीय ने सैम पित्रोदा पर हिंदू धर्म का अपमान करने और भारत विरोधी एजेंडे वाले कट्टरपंथी संगठनों के साथ संबंध बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आगे अपने ट्वीट में लिखा कि सैम हिंदुओं पर जहर उगलने का काम कर रहे हैं। वे मंदिरों को बदनाम करते नजर आये हैं। अब ये किसी से छिपा नहीं है कि एनवाई कार्यक्रम से जुड़े कुछ ‘समन्वयक’ उन संगठनों से करीब है, जो जमात-ए-इस्लामी और मुस्लिम ब्रदरहुड के लिए काम करते हैं।
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