हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने वाले स्कूल की मान्यता निलंबित

दमोह। मध्यप्रदेश के दमोह के एक निजी स्कूल की हिंदू बच्चियों को ड्रेस कोड के नाम पर हिजाब पहनाने के मामले शिक्षा विभाग ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है। हालांकि इससे पहले स्कूल प्रबंधन अपने फैसले से पीछे हटा। उसने यूनिफॉर्म के साथ पहना जाने वाला स्कार्फ स्वैच्छिक बताया था। स्कूल प्रबंधन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र भी भेजा था।

दमोह के इस स्कूल का पोस्टर वायरल हुआ था। जिसमें एमपी बोर्ड में टॉप करने वाले बच्चों के नाम और उनकी तस्वीरें छापी गई थीं। इस पोस्टर में जिन बच्चियों के नाम टॉपर्स के रूप में छापे गए थे उन सभी ने हिजाब पहना था। उस पोस्टर में जिन बच्चियों का नाम लिखा था उनमें ज़्यादातर हिंदू छात्राएं थीं। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था। हिंदूवादी संगठन के नेताओं ने हंगामा मचाते हुए बड़ी संख्या में महिला पुरुष जिला कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर को जांच के लिए एक ज्ञापन दिया गया था और आपत्ति लेते हुए स्कूल की मान्यता को रद्द करने की बात कही थी। उन्होंने आरोप लगाया था की हिन्दू लड़कियों का धर्मांतरण किया जा रहा है इस मामले में जांच की मांग की थी। मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच के निर्देश दिए थे।

किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो हमें खेद है
शुक्रवार सुबह गंगा जमना स्कूल के डायरेक्टर हाजी मुस्ताक खान ने पत्रकारों को बताया कि 2010 में स्कूल की स्थापना हुई थी। हमारा उद्देश्य बच्चों को उत्तम शिक्षा देना है। इस साल हमारे बच्चे काफी अच्छे नंबरों से पास हुए हैं, इसलिए उनका एक फ्लैक्स बनाकर बधाई देने के लिए लगाया गया था। फ्लैक्स को लेकर कुछ लोगों को आपत्ति है। फ्लैक्स में लगी फोटो को लेकर अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो हमें उसके लिए खेद है।

इस मामले में गंगा जमुना स्कूल के प्रबंधक मोहम्मद इदरीश ने बताया कि यह संस्थान राष्ट्रीय मुस्लिम संस्था है। इसके कुछ नियम है। स्कार्फ पहनने पर कोई दबाव नहीं है। उन्होंने कहा ,”जब से स्कूल खुला है ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। हमारी संस्था एक उत्तम शिक्षा देने की है इस बार स्कूल के बच्चों ने अच्छा प्रदर्शन किया था रिजल्ट में तो उनके फ्लेक्स लगाए गए थे। इस मामले में सरकार ने एक जांच कमिटी बना दी है जो जांच कर रही है इस मामले में किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।”

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को छतरपुर जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में छात्राओं को सिर पर दुपट्टा पहनने के लिए मजबूर करने वाले स्कूल को राज्य में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मुझे बताया गया कि दमोह में लड़कियों को स्कार्फ पहनकर स्कूल आने के लिए कहा गया था। वे देश के बंटवारे की बात करने वाले एक शख्स की शायरी भी पढ़ा रहे थे। मैं आपको चेतावनी देना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश में ऐसी चीजों (संस्थाओं) को संचालित नहीं होने दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाई गई शिक्षा नीति का पालन ही किया जाएगा और अगर कोई गलत पढ़ाता है या किसी बेटी को जबरन दुपट्टा पहनाया जाता है तो ऐसा स्कूल मध्य प्रदेश में नहीं चलने दिया जाएगा।”

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