कानपुर। यूपी के बिकरू कांड बिकरू कांड मामले में IPS अनंतदेव तिवारी को बड़ी राहत मिली है। कानपुर के एसएसपी रहे अनंतदेव तिवारी को इस पूरे मामले में क्लीनचिट मिल गई है। अनंतदेव तिवारी इसी वर्ष रिटायर हो रहे हैं।
2 जुलाई, 2020 की रात कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई थी। पुलिस टीम दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गई थीं। इसी दौरान पहले से घात लगाए बैठे विकास दुबे और उसके गैंग के सदस्यों ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया था। जिसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मी मारे गए थे। इसके बाद सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई थी। घटना की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। जांच के बाद उस समय कानपुर नगर के एसएसपी रहे अनंतदेव तिवारी को 12 नवंबर 2020 को निलंबित कर दिया गया था। दो साल बाद उनकी बहाली की गई थी। वहीं, अनंत देव तिवारी के निलंबन के बाद इस मामले की जांच आईपीएस अफसर नीलाब्जा चौधरी को सौंपी गई थी। अब विभागीय जांच में आईपीएस अनंत देव तिवारी को पूरे मामले में क्लीनचिट मिल गई है।
बता दें कि अनंत देव तिवारी पर आरोप था कि विकास दुबे पुलिस और प्रशासन से मिलीभगत कर अपना साम्राज्य बढ़ा लिया था। साथ ही अनंत देव पर विकास दुबे पर मेहरबान होने का आरोप भी था। विकास दुबे के खजांची रहे जय वाजपेई की फोटो सोशल मीडिया पर तत्कालीन एसएसपी अंनतदेव तिवारी के साथ वायरल हुई थी।
शहीद सीओ की वायरल चिट्ठी ने खोले थे राज
इसके साथ ही शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की एक चिट्ठी वायरल हुई थी। जिसमें शहीद सीओ ने तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और विकास दुबे के संबंधों का जिक्र किया गया था। लेकिन तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव ने तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की थी। इसके बाद से तत्कालीन डीआईजी की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे। शहीद सीओ की बेटी वैष्णवी ने अनंतदेव तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए थे।
वायरल ऑडियो में अंनतदेव पर लगाए थे आरोप
बिकरू कांड के बाद शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के कई ऑडियो वायरल हुए थे। जिसमें शहीद सीओ यह कहते हुए सुने गए थे, कि तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव तिवारी की कृपा से क्षेत्र में खूब मनमानी कर रहे हैं। क्षेत्र में जुआं करा रहे हैं और विकास दुबे समेत उसके गुर्गों को सरंक्षण दे रहा है। विकास दुबे एक पेशेवर अपराधी है।