मुंबई। बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने नए संसद उद्घाटन समारोह पर तंज कसा है। उन्होंने इसकी तुलना पीएम मोदी के स्मारक से की है। एक्टर ने इस बात को जरूर स्वीकार किया कि संसद भवन की नई इमारत समय की मांग और जरूरत थी। लेकिन उन्होंने उद्घाटन समारोह पर सवाल उठाया।
उद्घाटन समारोह पर विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ”पुरानी संसद 100 साल पुरानी थी इसलिए एक नई इमारत की जरूरत थी, लेकिन क्या इस तरह के समारोह की जरूरत थी? जहां आप हर चीज में धार्मिक पहलुओं को शामिल कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “आप पुजारियों से घिरे हुए आते हैं जैसे कि यह इंग्लैंड का राजा है जो बिशपों से घिरा हुआ है। आप राजदंड लेकर आते हैं। भव्यता के भ्रम की एक सीमा होनी चाहिए। मुझे लगता है कि हम इसका खामियाजा भुगत रहे हैं।”
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, “यह इस सरकार द्वारा खेला गया एक बहुत ही चतुर कार्ड है। इस कार्ड ने काम किया है। देखते हैं कि यह कब तक काम करना जारी रखता है।” नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा कि नया भवन हमारे लोकतंत्र का प्रतीक है और मुझे आशा है कि यह हमारे लोकतंत्र को संरक्षित करने में सफल होगा।
आपको बता दें कि कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष के 19 दलों ने उद्घाटन कार्यक्रम का विरोध किया था। हालांकि कई विपक्षी दल इस कार्यक्रम में शामिल भी हुए। उद्धाटन के दौरान पूजा और हवन को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी सवाल उठाया था।
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