डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया भर में हर साल तंबाकू से होने वाली बीमारियों से करीब 80 लाख लोगों की मौत होती है, इसके बावजूद भी लोग इसके इस्तेमाल से परहेज नहीं करते। ऐसे में सेहत पर पड़ने वाले इसके खराब प्रभावों के बारे में जागरुकता बढ़ाने और दुनिया भर में तम्बाकू के इस्तेमाल को कम या बंद करने के लिए हर साल 31 मई को ‘वर्ल्ड नो टोबैको डे’ यानी विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
आज वर्ल्ड नो टौबैको डे यानी विश्व तम्बाकू निषेध दिवस है। वैश्विक स्तर पर तंबाकू के सेवन के कारण बढ़ते गंभीर रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने और तंबाकू जनित रोगों के बोझ को कम करने के उद्देश्य से यह खास दिन मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस साल के थीम रखा है- वी नीड फूड नॉट टोबैको। जिसका उद्देश्य तंबाकू उत्पादक किसानों को वैक्लपिक फसलों के लिए प्रोत्साहित करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक हर साल दुनिया भर में लगभग 3.5 मिलियन हेक्टेयर जमीन तम्बाकू उगाने के लिए इस्तेमाल में ली जाती है, जिसकी वजह से प्रति वर्ष 200,000 हेक्टेयर जंगलों से पेड़ों की कटाई होती है।
वर्ल्ड नो टोबैको डे का इतिहास क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1987 में तम्बाकू के इस्तेमाल को नियंत्रित करने पर जोर देने के लिए संकल्प लिया। इसके बाद सबसे पहले वर्ल्ड नो टोबैको डे 31 मई, 1988 को मनाया गया। पहले साल की थीम थी “तम्बाकू या स्वास्थ्य: स्वास्थ्य चुनें।”
भारत में तम्बाकू का इस्तेमाल
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया, 2016-17 के मुताबिक, भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (कुल वयस्कों की आबादी का 29%) तम्बाकू का उपयोग करते हैं। भारत में टोबैको के इस्तेमाल का सबसे आम रूप गुटखा, सुपारी, खैनी और जर्दा है। इसके अलावा स्मोकिंग के रूप में भी तम्बाकू का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जाता है, जिसमें बीड़ी, सिगरेट और हुक्का शामिल हैं।
धूम्रपान से कई तरह के नुकसान
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यह सर्वविदित है कि धूम्रपान हमारी धमनियों को कमजोर करता है, जिससे कोरोनरी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक हो सकता है। इसको लेकर किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि धूम्रपान करने से हृदय की कोशिकाएं सख्त और कमजोर हो सकती हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनके हृदय की कार्यक्षमता समय के साथ खराब होती जाती है। पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर बढ़े हार्ट अटैक के लिए धूम्रपान को भी एक संभावित कारक बताया गया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अगर आप किसी भी रूप में तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं जैसे-गुटखा, खैनी या फिर सिगरेट के रूप में, इसे तुरंत छोड़ दें। ये सभी हमारे शरीर को गंभीर रूप से क्षति पहुंचा रही हैं। तंबाकू चबाने से मुंह-गले जबकि धूम्रपान से फेफड़ों के कैंसर और रक्त वाहिकाओं के पतले होने का खतरा है। तंबाकू एक लत है जिसे छोड़ने के लिए प्रयास किए जाने आवश्यक हैं, वरना यह आपकी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
Discussion about this post