नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को देश में एयरपोर्ट्स को लेकर बात की। सिंधिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आजादी से 2014 तक भारत में केवल 74 एयरपोर्ट थे। पिछले नौ साल पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने में 74 और एयरपोर्ट,हेलीपोर्ट और वाटरड्रोम बनाए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा टारगेट है अगले 3 से 4 साल में हम एयरपोर्ट की संख्या को 200 तक पहुंचाने की कोशिश करें। हमने एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए एक लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना भी तैयार की है जिसमें सरकारी और निजी निवेश शामिल हैं। उनका कहना है कि अभी देश में छह मेट्रो की कुल कैपेसिटी 22 करोड़ पैसेंजर्स को हैंडल करने की है। जब जेवर और नवी मुंबई एयरपोर्ट तैयार हो जाएंगे तो अगले 3 से 4 साल में हमारे मेट्रो की पैसेंजर को हैंडल करने की कैपेसिटी 42 करोड़ तक की उम्मीद है।
‘यूपी में होंगे 22 एयरपोर्ट’
कानपुर को पंतनगर, अलीगढ़, मुरादाबाद और श्रावस्ती के साथ जोड़ने की हमारी योजना है। प्रदेश में जहां आज 11 हवाई अड्डे हैं। आने वाले तीन साल में 11 अतिरिक्त हवाई अड्डों की हम शुरूआत करेंगे। कुल 22 हवाई अड्डे उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पांच अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट संचालित हो रहे हैं और आने वाले समय में जेवर और अयोध्या भी इससे जुड़ेंगे। यह सीरीज अभी जारी है और इसी सीरीज में कानपुर का एयरपोर्ट एक बहुत महत्वपूर्ण अंग के रूप में उभरा है। यहां छोटे से एयरपोर्ट से शुरूआत हुई थी और आज 16 गुना बढ़कर 65 हजार स्क्वायर फीट का एयरपोर्ट का उद्घाटन हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जिस टर्मिनल से केवल तीन हजार लोग गुजरते थे, वहीं अब हर साल 10 लाख यात्री इस टर्मिनल से आवागमन की सुविधा तय कर पाएंगे। ये सुविधा सिर्फ कानपुर नहीं, बल्कि आसपास के आठ जिलों को प्रभावित करेगी।
इससे पहले 8 अप्रैल, 2023 को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चेन्नई हवाई अड्डे के टर्मिनल के उद्घाटन के अवसर पर कहा था कि पिछले 65 साल में हमारे देश में 74 हवाईअड्डे थे और पिछले 9 सालों में अतिरिक्त 74 हवाईअड्डे और हेलीपोर्ट बनाए गए। जिससे यह संख्या दोगुनी होकर 148 हो गई। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि मंत्रालय अगले 4-5 सालों में 200 से अधिक हवाई अड्डे, वाटरड्रोम और हेलीपोर्ट बनाने की योजना है। सिंधिया ने कहा कि नागरिक उड्डयन बदल रहा है। भारत में 2013-14 में केवल 6 करोड़ यात्री थे और 9 वर्षों में यह प्रति वर्ष 14.5 करोड़ यात्रियों से दोगुना से अधिक हो गया है।
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