दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने रविवार को को विनेश फोगट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट समेत अन्य पहलवानों को तब हिरासत में ले लिया, जब वे नए संसद भवन की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे। हालाँकि बाद में सभी को छोड़ दिया गया दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों की ओर से लगाए गए अस्थायी टेंट और अन्य सामान को भी हटा दिया है।
रविवार के दिन जहां एक तरफ नए संसद भवन का उद्धाटन हो रहा था तो दूसरी तरफ पहलवानों ने महिला महापंचायत का ऐलान किया था। इसी के साथ आंदोलन कर रहे पहलवान नए संसद भवन की तरफ मार्च भी निकालने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान विरोध कर रहे पहलवानों पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की थी। पुलिस ने साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को भी हिरासत में ले लिया था।
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के अलावा, प्रदर्शन के आयोजकों और अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस सभी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा- 147, 149, 186, 188, 332, 353, PDPP अधिनियम की धारा 3 के तहत केस दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर के पास से पहलवानों के धरना प्रदर्शन के लिए बनाए गए तंबू-टेंट हटवा दिए। इसके अलावा पुलिस ने चारपाई, गद्दे, कूलर और पंखे भी वहां से हटवा दिये। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि अब पहलवानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा और दिल्ली पुलिस इन पहलवानों को दोबारा जंतर-मंतर पर जाने की इजाजत नहीं देगी।
इस मामले को लेकर पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने ट्वीट किया है। साक्षी और विनेश की तरफ से ट्वीट किया गया है, “दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृज भूषण के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए। क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है? सारी दुनिया देख रही है सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है। एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।”
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