नई दिल्ली। देश की नई संसद के उद्घाटन को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस समेत देशभर के 19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। इस बीच कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी पार्टी से उलट बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि देश की संसद का उद्घाटन भारत का प्रधानमंत्री नहीं तो क्या पाकिस्तान का प्रधानमंत्री करेगा।
प्रमोद कृष्णम ने कहा, ‘यह संसद भाजपा की नहीं है। देश की संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री नहीं करेगा तो फिर कौन करेगा। यदि भारत की संसद का उद्घाटन यहां का पीएम नहीं करेगा तो फिर क्या पाकिस्तान का पीएम करेगा।’ उन्होंने कहा कि संसद और राष्ट्रपति भवन जैसी इमारतें किसी एक दल की नहीं होतीं। हम यदि विपक्ष में हैं तो फिर सरकार की आलोचना करनी चाहिए, लेकिन ऐसे आयोजनों के विरोध का क्या मतलब है।
कृष्णम ने कहा कि हमें मोदी का विरोध करना चाहिए, लेकिन देश का नहीं करना चाहिए। देश की संसद पूरे देश की है। मेरी तो अपील है कि विपक्ष ऐसे बायकॉट जैसे अभियान ना चलाए। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि विपक्ष को असदुद्दीन ओवैसी के रास्ते पर जाने से बचना चाहिए। प्रमोद कृष्णम ने कहा कि हमें देश की परंपराओं को समझते हुए मोदी का विरोध करने का हक है, लेकिन देश का ही विरोध करना तो ठीक नहीं है। विपक्ष से मेरी अपील है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
इन 19 विपक्षी दलों ने किया बहिष्कार
बता दें कि 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले 19 विपक्षी दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। इसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कषगम (डीएमके), जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी (AAP), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), झारखंड मुक्ति मोर्चा और नेशनल कांफ्रेंस के अलावा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कषगम (एमडीएमके) और राष्ट्रीय लोकदल शामिल है।
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