नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया के अपने तीन दिनों के दौरे से गुरुवार सुबह लौट आए। दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी का जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान पीएम ने अपने संबोधन में नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के विपक्ष के फैसले पर परोक्ष रूप से निशाना साधा।
जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के समापन के बाद गुरुवार तड़के दिल्ली लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पालम हवाई अड्डे पर भव्य स्वागत हुआ। इसके बाद पीएम मोदी ने एयरपोर्ट के पास उनका स्वागत करने पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, आज यहां जो लोग उपस्थित हैं वो मोदी जी को प्यार करने वाले लोग नहीं हैं, ये मां भारती को प्यार करने वाले लोग हैं। ये हिंदुस्तान को प्यार करने वाले लोग हैं। हिंदुस्तान का नाम रोशन होता है तो 140 करोड़ देशवासियों का जज्बा नई ऊंचाइयों को छू लेता है।
प्रधानमंत्री ने अपने ऑस्ट्रेलिया में हुए कार्यक्रम का जिक्र करते हुए भारत में संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाली पार्टियों पर निशाना भी साधा। पीएम ने कहा कि सिडनी में उन्हें सुनने के लिए 20,000 लोग इकट्ठा हुए थे। इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज भी दर्शकों में शामिल थे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम और पूरा विपक्ष अपने देश के खातिर साथ में मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं दुनिया के देशों में जाकर दुनिया के महापुरुषों से मिलकर हिंदुस्तान के सामर्थ्य की बात करता हूं, हिंदुस्तान की युवा पीढ़ी के टैलेंट की चर्चा करता हूं और अवसर मिलने पर भारत के नौजवान कैसा पराक्रम करके दिखलाते हैं… ये मैं दुनिया में जाकर बतलाता हूं। उन्होंने कहा, इस यात्रा के दौरान जितना समय मुझे उपलब्ध था, उसका पल-पल मैंने देश की बात करने में, देश की भलाई के लिए निर्णय करने में अपना समय पूरी तरह से उपयोग किया। मैं आप से भी यही कहूंगा कि हिंदुस्तान की संस्कृति, महान परंपरा के बारे में बोलते हुए कभी भी गुलामी वाली मानसिकता में डूब मत जाना, हिम्मत के साथ बात कीजिए… दुनिया सुनने को आतुर है।
बता दें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। विपक्षी दलों का तर्क है कि नए संसद भवन के उद्घाटन का सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मिलना चाहिए, क्योंकि राष्ट्रपति न केवल राष्ट्राध्यक्ष होते हैं, बल्कि वह संसद का अभिन्न अंग भी हैं क्योंकि वही संसद सत्र आहूत करते हैं, उसका अवसान करते हैं और साल के पहले सत्र के दौरान दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित भी करते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह के लिए सभी राजनीतिक दलों को निमंत्रण भेजा गया है और वे अपने विवेक से इस संबंध में फैसला लेने को स्वतंत्र हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 24 अक्टूबर 1975 को संसदीय सौध का उद्घाटन किया था, जबकि उनके उत्तराधिकारी राजीव गांधी ने 15 अगस्त 1987 को संसद के पुस्तकालय की आधारशिला रखी थी।
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