नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी सहित देश के 19 विपक्षी दलों ने नई संसद के उद्घाटन का बायकॉट करने का ऐलान किया है। 19 दलों द्वारा जारी किए गए ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा गया है कि जब लोकतंत्र की आत्मा को संसद से चूस लिया गया है तो हमें नई इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता।
संसद के उद्घाटन सत्र का बहिष्कार का ऐलान करने वालों में कांग्रेस, TMC, DMK, आम आदमी पार्टी, उद्धव गुट, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, JMM, केरल कांग्रेस (मणि), VCK, RLD, जेडीयू, सीपीआई (एम), राजद, IUML, नेशनल कॉन्फ्रेंस, RSP और MDMK शामिल हैं। इस मसले पर मीडिया से बातचीत में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि इसको लेकर हमारी सभी लोगों से बातचीत हुई। हम इसका बायकॉट करेंगे। हमारा मानना है कि राष्ट्रपति से नई संसद का उद्धाटन करवाना चाहिए था। संसद के हेड राष्ट्रपति होते हैं। उनसे उद्घटान न करवाकर उनका अपमान किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि सभी विपक्षी दल उसका बायकॉट करें।
NCP के प्रवक्ता की तरफ से कहा गया है कि एनसीपी नई संसद के उद्धाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी। पार्टी ने यह तय किया है कि इस मसले पर वो अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ खड़ी होगी। उद्धव गुट के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को सिर्फ पीएम की इच्छा के लिए बनाया, क्या इसकी जरूरत थी? उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने नई संसद के उद्धाटन का बायकॉट करने का फैसला किया है। हम भी उनके साथ हैं।
अनुच्छेद 79 का जिक्र करते हुए साधा निशाना
संविधान के अनुच्छेद 79 का जिक्र करते हुए विपक्षी दलों ने कहा कि मुर्मू ‘सिर्फ राज्य के प्रमुख ही नहीं बल्कि संसद के अभिन्न अंग भी हैं। वह संसद को बुलाती है, सत्रावसान करती है और संबोधित करती है। संक्षेप में, संसद राष्ट्रपति के बिना काम नहीं कर सकती। फिर भी, प्रधानमंत्री ने उसके बिना नए संसद भवन का उद्घाटन करने का फैसला किया है।
पीएम करेंगे 60 हजार श्रमयोगियों का सम्मान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है। इस अवसर पर पीएम सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे।
2021 में शुरू हुआ नई संसद का काम
नई संसद की नींव का पत्थर पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को रखा था, इसके बाद जनवरी 2021 में इसका काम शुरू हो गया था। नई संसद मौजूदा संसद भवन के बराबर में मौजूद है। इसका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया गया है जबकि इसका डिजाइन अहमदाबाद बेस्ड बिमल पटेल के अंडर में HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट द्वारा किया गया है।
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