जयपुर। राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित अमर सागर इलाके पाकिस्तान से आए हिंदू परिवारों के घरों को बुलडोजर से रौंद दिया गया। यह एक्शन भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हुआ, जिससे महिलाएं और बच्चे भीषण गर्मी में सड़क पर आने के लिए मजबूर हो गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में आतंक और सरकार के दमन से बचकर किसी तरह भारत आए ये लोग काफी वक्त से अमर सागर में रह रहे थे, लेकिन जिला कलेक्टर टीना डाबी के आदेश पर इनके घरों को जमीदोज़ कर दिया गया। प्रशासन की इस कार्रवाई का इन हिंदू परिवारों की महिलाओं ने विरोध भी किया, लेकिन भारी पुलिसबल के साथ पहुंची प्रशासन की टीम ने इनके घरों को गिरा दिया। अब इस भीषण गर्मी में इन लोगों के सिर पर कोई छाया नहीं है। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है, सड़क पर सामान बिखरा पड़ा है और इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
‘प्रशासन की कार्रवाई में 3 महिलाएं घायल’
लोगों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने जबरन उन्हें उनके घर से बेदखल किया और विरोध करने पर महिलाओं के खिलाफ निर्दयी तरीके से बल प्रयोग भी किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की इस कार्रवाई में तीन महिलाओं को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि जब तक उन्हें किसी और जगह पर बसाया नहीं जाता, वो धरने से नहीं उठेंगे।
वहीं डीएम टीना डाबी ने कहा, ‘पिछले कई दिनों से अमरसागर गांव के सरपंच और अन्य स्थानीय निवासियों की तरफ से शिकायतें मिल रही थीं कि प्रवासी हिंदुओं ने राज्य सरकार की ‘शहरी सुधार ट्रस्ट’ की जमीन पर अवैध तरीके से अपनी बस्तियां बसा ली हैं। शिकायत में बताया गया कि इन लोगों ने अमरसागर तालाब के जलग्रह इलाके में भी कब्जा कर रखा है।’
टीना डाबी ने आगे बताया, ‘अमरसागर तालाब के जलग्रह इलाके में अतिक्रमण कर बनाए गए 28 अस्थाई घरों को मंगलवार को हटा दिया गया। कुछ अतिक्रमण पुराना, जिसे जल्द ही हटाया जाएगा। सरकारी जमीन खाली करने के लिए इन लोगों को कई बार नोटिस दिया गया था, जिसे नजरअंदाज करने के बाद ये कार्रवाई की गई है। राज्य सरकार की तरफ से भी पाकिस्तान से आए उन प्रवासियों को बसाने के लिए कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है, जिन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिली है।’
भारत में भी छिन गई सिर से छत
बता दें कि पाकिस्तान में सताए गए हिंदू बड़ी संख्या में राजस्थान में बॉर्डर के पास के जिलों में आकर बसे हुए हैं। सीमा पार होने वाले उत्पीड़न से परेशान होकर भारत आए इन हिंदुओं की हालत यहां भी कुछ खास अच्छी नहीं है, लेकिन फिर भी इनके सिर पर छत थी और कम से कम से बगैर किसी डर के अपनी जिंदगी गुजार रहे थे। हालांकि जैसलमेर प्रशासन की हालिया कार्रवाई ने इनके सामने एक बार फिर बड़ा संकट पैदा कर दिया है। अब इन परिवारों के सिर पर न छत है, और न ही कोई ऐसा ठिकाना जिसे वे फिलहाल अपना कह सकें।
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