सीबीआई के नए निदेशक बने प्रवीण सूद, कांग्रेस नेता ने कहा था नालायक

नई दिल्ली। प्रवीण सूद को दो साल की अवधि के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। IPS अधिकारी प्रवीण सूद वर्तमान में कर्नाटक के DGP के रूप में कार्यरत हैं।

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीन सदस्य चयन समिति ने उनका नाम तय किया था। इस तीन सदस्य समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और CJI डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे। वहीं, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रवीण सूद के नाम पर विरोध दर्ज कराया था। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रक्रिया पर अपनी आपत्ति जताते हुए मांग की थी कि इस प्रक्रिया को नए सिरे से किया जाए। सीबीआई डायरेक्टर के लिए प्रवीण सूद के अलावा मध्य प्रदेश के DGP सुधीर सक्सेना और सीनियर IPS ताज हासन का नाम शॉर्टलिस्ट किया गया था।

1986 बैच के IPS अधिकारी सूद दो साल तक इस पद पर रहेंगे। वे मई 2024 में रिटायर हो रहे हैं, लेकिन इस नियुक्ति के साथ ही उनका कार्यकाल मई 2025 तक बढ़ गया है। CBI के मौजूदा डायरेक्टर सुबोध कुमार जायसवाल का कार्यकाल 25 मई को समाप्त हो रहा है। इसी दिन सूद जॉइन कर सकते हैं।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले 14 मार्च को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने उन्हें नालायक कहा था। शिवकुमार ने कहा था कि हमारे DGP इस पद के लायक नहीं हैं। वह तीन साल से DGP हैं लेकिन भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं। उनके खिलाफ FIR होनी चाहिए। शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि सूद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर 25 केस दर्ज किए, लेकिन भाजपा नेताओं पर एक भी केस दर्ज नहीं किया। हमने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है। उन्होंने प्रवीण सूद की गिरफ्तारी की मांग की थी। शिवकुमार ने कहा था कि चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो सूद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं सूद
प्रवीण सूद हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले हैं। उनके पिता ओम प्रकाश सूद दिल्ली सरकार में क्लर्क थे, जबकि मां कमलेश सूद दिल्ली के सरकारी स्कूल की टीचर थीं। सूद की स्कूलिंग दिल्ली के सरकारी स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने IIT दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ‌B Tech किया।

1986 में वे 22 साल की उम्र में IPS बने। उन्हें कर्नाटक कैडर मिला। सर्विस के दौरान ही उन्होंने IIM बेंगलुरु से पब्लिक पुलिस मैनेजमेंट में MBA पूरा किया। पुलिस सर्विस के शुरुआती दौर में वे बेल्लारी और रायचुर में SP रहे। इसके अलावा बेंगलुरु और मैसूरु में वे DCP भी रहे।

सूद को 1996 में CM की ओर से गोल्ड मेडल मिल चुका है। इसके अलावा 2002 में पुलिस पदक और 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति की तरफ से पुलिस पदक दिया गया था। जून 2020 में प्रवीण सूद कर्नाटक के DGP बनाए गए थे।

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