अमृतसर। पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान की जेलों में बंद 198 भारतीय मछुआरों को शुक्रवार की आधी रात को रिहा कर दिया है। उक्त सभी मछुआरों ने अटारी वाघा के रास्ते भारत में प्रवेश किया।
पाकिस्तान सरकार द्वारा रिहा किए गए भारतीय मछुआरों ने कहा कि वे मछली पकड़ने के दौरान सीमा पार कर गए क्योंकि उन्हें समुद्र में सीमा के बारे में जानकारी नहीं थी। अटारी वाघा सीमा पर भारत पहुंचे मछुआरों में से एक बीकू ने कहा, “मैं 5 साल के लिए पाकिस्तानी जेलों में बंद था। हम में से 12 को सीमा पार करने के लिए दो नावों में मछली पकड़ने के दौरान पकड़ा गया था। पानी पर कोई नेविगेशन बॉय, बीकन या निशान नहीं थे।” बीकू ने कहा, बिना निशान समुद्र में सीमा की पहचान बेहद मुश्किल था। अब मैं अपने देश में आकर बहुत खुश हूं।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जेलों में उनके जानने वाले 5-6 भारतीय मछुआरे अभी भी बंद हैं। इन्होंने सरकार से मदद की अपील की है।
पाक की जेल से रिहा हुए एक और मछुआरे अजगर ने कहा, “हम समुद्र में पाकिस्तान चले गए, क्योंकि वहां कोई सीमा नहीं है। हम 2018 में पकड़े गए थे। हम आपसे उन लोगों की मदद करने का अनुरोध करते हैं जो अभी भी पाकिस्तानी जेलों में रह गए हैं। उन्होंने हमारी नावें ले लीं और वे उसे वापस नहीं करते हैं।” गुजरात के रहने वाले मछुआरे विजय ने बताया, “मैं सीमा के आसपास मछली पकड़ रहा था जब पाकिस्तानी नौकाएं आईं और हमें ले गईं। हम में से कई अभी भी पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं।” उन्होंने साथी मछुआरों की रिहाई में मदद के लिए सरकार से गुहार लगाई। नावों को वापस करने का अनुरोध भी किया गया है।
बता दें कि भारतीय और पाकिस्तानी मछुआरे अक्सर अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पार करते हैं। दोनों देशों की संबंधित एजेंसियां नियमों के उल्लंघन पर कस्टडी में लेकर जेल भेज देती हैं। समुद्री सीमा पार करने पर पाकिस्तानी अधिकारी मछुआरों को गिरफ्तार कर लेते हैं। साथ ही उनकी नावें भी जब्त कर ली जाती हैं। मछुआरों ने मांग की कि जब्त की गई नावों को भी वापस किया जाना चाहिए, क्योंकि उनकी आजीविका इसी पर टिकी है
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